रांची: निर्भया कांड को लगभग 8 साल बीत चुके हैं और अभी भी उसकी आत्मा इंसाफ का इंतजार कर रही है. निर्भया कांड के चारों आरोपी अपने आप को बचाने के लिए लगातार नए नए पैंतरे अपना रहे हैं और उनमें काफी हद तक सफलता भी हासिल कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ निर्भया की मां अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए अदालतों में दर-दर भटक रही है.
केंद्र सरकार ने पटियाला हाउस द्वारा सुनाए गए उस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी जिसमें कहा गया था कि चारों आरोपियों को अलग-अलग फांसी नहीं दी जा सकती है. इसके बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपील करके चारों आरोपियों को अलग-अलग फांसी देने के लिए याचिका लगाई थी क्योंकि आरोपी लगातार कोई ना कोई बहाना बनाकर अपने आपको बचाने में कामयाब हो रहे थे. इससे पहले वकील एपी सिंह ने आरोपी पवन शर्मा को नाबालिग साबित करने की कोशिश की थी.
आज सुनवाई के दौरान आरोपियों के वकील एपी सिंह ने एक ऐसा दांव खेल दिया, जो अगर कामयाब हो गया तो आरोपी विनय शर्मा की फांसी हमेशा के लिए टल जाएगी. विनय शर्मा के वकील एपी सिंह ने कहा कि मेरे क्लाइंट की मानसिक स्थिति सही नहीं है और उसे सजा के दौरान काफी बार मानसिक उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है. मानसिक रूप से प्रताड़ित होने के कारण उसका दिमागी संतुलन बिगड़ गया है और उसे फांसी देना संविधान के मौलिक अधिकारों का हनन होगा. इससे पहले वकील एपी सिंह ने कहा था कि वह अपने क्लाइंट को किसी भी हालात में फांसी नहीं होने देगा और वह अभी तक कामयाब भी रहा है.