आगरा के एत्मादपुर के पास यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए दर्दनाक सड़क हादसे पर राजनीति भी शुरू हो गई है। सोमवार को संसद के उच्च सदन राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाया गया। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य रामगोपाल यादव ने इस हादसे का मुद्दा सदन में उठाया। इसका जवाब देते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यमुना एक्सप्रेस-वे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के तहत नहीं आता है। ये एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत आता है। मंत्रालय की ओर से प्रदेश सरकार से कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। इस सड़क हादसे में 29 लोगों की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच के भी आदेश दे दिए हैं। साथ ही केंद्रीय परिवहन मंत्री ने फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस का मुद्दा भी उठाया।
यमुना एक्सप्रेस-वे पर ज्यादातर हादसे टायर फटने से हुए हैं। इसीलिए नितिन गडकरी ने सड़क हादसों के लिए वाहनों के टायरों की क्वॉलिटी पर भी सवाल उठाए। गडकरी ने कहा कि देश में सड़क हादसे इसलिए भी ज्यादा होते हैं, क्योंकि हमारे यहां टायर की क्वॉलिटी ठीक नहीं है। अमेरिका में टायर बनाने के लिए रबर के साथ सिलिकॉन का इस्तेमाल होता है और टायर में नाइट्रोजन गैस डाली जाती है, जबकि हमारे यहां रबर में सिलिकॉन नहीं मिलाया जाता। अब हम भी टायर कंपनियों के लिए रबर में सिलिकॉन शामिल करने को अनिवार्य करने की योजना पर काम कर रहे हैं। साथ ही एक्सप्रेस-वे पर चलते समय टायरों में समान्य हवा की जगह नाइट्रोजन भरवाने को भी अनिवार्य करने पर विचार हो रहा है।
गडकरी ने बताया कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए सड़क हादसों में 2016 में 133, 2017 में 146 और 2018 में 111 लोग जान गंवा चुके हैं। मोटर वाहन संशोधन अधिनियम बहुत लंबे समय से संसद में लटके हुए है। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। सड़क दुर्घटना के आंकड़ों में उत्तर प्रदेश अभी तक सबसे ऊपर है।
इसके साथ ही केंद्रीय परिवहन मंत्री ने फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि मुद्दा यह है कि हर तीसरे ड्राइवर के पास फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस है, लेकिन हम उन्हें रोक नहीं सकते हैं। सरकार पांच साल से मोटर वाहन संशोधन बिल लेकर आ रही है, लेकिन उसे पास नहीं किया जा रहा है। मेरी अपील है कि इस बिल को पास करने में सहयोग करें।
बता दें कि आगरा के एत्मादपुर के पास यमुना एक्सप्रेस वे पर सोमवार को एक बस के 30 फुट गहरे झरना नाले में गिरने से उसमें सवार 29 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए हैं. आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बबलू कुमार ने बताया कि लखनऊ से दिल्ली आ रही बस यमुना एक्सप्रेसवे पर रेलिंग तोड़ते हुए नाले में जा गिरी. इस हादसे में अभी तक एक बच्ची समेत 29 लोगों की मौत हो गई है, जबकि दर्जन भर से अधिक लोग घायल हो गए हैं. घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है.
गौरतलब है कि लखनऊ से दिल्ली जा रही तेज रफ्तार जनरथ बस ड्राइवर को झपकी आने के कारण अनियंत्रित होकर 30 फीट नीचे झरना नाले में जा गिरी। बस के नहर में पलट जाने से 29 लोगों की मौत हो गई है। परिवहन निगम सभी मृतक के परिवार के लोगों को पांच-पांच लाख की आर्थिक सहायता देगा। एत्मादपुर थाना क्षेत्र के झरना नाले में जब बस पलटी तो उसमें 50 लोग सवार थे। फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर के साथ डीएम व एसएसपी के साथ एसपी ग्रामीण भी राहत कार्य देख रहे हैं। घायलों को का जिला अस्पताल व मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा है।