एसडीओ कोर्ट से 17 जनवरी को जारी हुआ नोटिस,31 जनवरी तक मिला था समय,22 फरवरी को चिपकाया गया
हजारीबाग:- हज़ारीबाग़ शहर के बीचों-बीच ईमली कोठी में खासमहल की पौने नौ एकड़ जमीन ग्राम सिरका थाना नम्बर 146, थाना- सदर बड़ा बाजार,जिला हज़ारीबाग़, होल्डिंग संख्या 35,प्लॉट13,रकवा 8.73 एकड़ पर पहले टीन का कारकेट लगाकर कब्जा किया गया, फिर टीन की बाउंड्री के अंदर पक्का बाउंड्री खड़ा कर मुख्य गेट लगा दिया गया.
और अब सत्ता बदलते ही प्रशासन हरकत में आ गया.
सत्रह दिसम्बर 2019 को राजस्व उप निरीक्षक,खास महल प्रकोष्ट के जांच प्रतिवेदन के आधार पर खास महल पदाधिकारी द्वारा एसडीओ कोर्ट में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 का लगाने का आवेदन दिया गया था. एसडीओ कोर्ट ने वाद संख्या 26/2020 दं0 प्र0 सं0 144 राज्य बनाम जयप्रकाश लाल,अशोक महाजन, बड़ा बाजार(साई ड्रेसेस) को नोटिस जारी किया था. जिसमें लिखा था कि अवलोकन में विपक्षी द्वारा खास महल की पुनर्ग्रहीत सरकारी भूमि पर बाउंड्री दी जा रही है एवं लोहे का गेट लगाकर अतिक्रमण किया जा रहा है.
चूंकि प्रश्नगत भूमि खास महल की पुर्नग्रहीत सरकारी भूमि है. अतः उक्त भूमि पर अतिक्रमण करना उचित एवं जनहित में नही है. अतः खास महल पदाधिकारी के जांच प्रतिवेदन से संतुष्ट होकर धारा 144 के तहत उक्त भूमि पर दो महीने तक रोक लगाते हुए 31 जनवरी 2020 तक स्वयं या अधिवक्ता के माध्यम से जवाब देने का नोटिस जारी किया था.
भूमाफिया के मजबूत गिरोह का असर,एक महीने बाद एसडीओ कोर्ट नोटिस का तामिला हो पाया
प्रशासन की नाक के नीचे सारे नियम-कायदों को धत्ता बताते हुए बेखौफ सरकारी खासमहल जमीन कब्जे के खेल में हज़ारीबाग़ में भूमाफिया गिरोह ने इतना मजबूत गिरोह खड़ा कर लिया की सदर अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी ने उक्त जमीन पर काम बंद करने का नोटिस 17 जनवरी 2020 को जारी कर विपक्षी को 31 जनवरी को जवाब देने का नोटिस जारी किया था.
लेकिन नोटिस का तामिला 22 फरवरी 2020 को हुआ.
जिस समय प्रशासन नोटिस चिपकाने पहुंची उस समय भी जमीन पर काम चल रहा था.
प्रशासन को देख सभी मजदूर भाग खड़े हुए.
ऐसे की जाती है जमीन की दलाली
शहर में सरकारी,गैर सरकारी,प्राइवेट,विवादित भूमि पर कब्जे करने का मजबूत कई गिरोह काम कर रहा है
जिसमें फाइनेंसर के माध्यम से आम लोगों को खड़ा कर सामान्य नागरिक के नाम जमीन का पेपर बनाकर गुंडई के सहारे कब्जा किया जाता है.
विवाद होने पर जमीन पर बाहुबलियों और कथित समाजसेवियों को लगाया जाता है,वहीं प्रशासन को हैंडल करने के लिए राजनीतिक दल के नेता-विधायक एक्टिव हो जाते हैं.
और इस तरह हर मोर्चे के लिए अलग टीम काम कर करोड़ों की जमीन खरीद-बिक्री का धंधा चलाया जाता है.