मुंबई: केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणियन ने कहा कि तरक्की के लिए कारोबार के अनुकूल नीतियां बनानी होंगी. जब पूरे कारोबार जगत को ध्यान में रखकर नीतियां बनाई जाएंगी, तभी बाजार के अदृश्य हाथों को बल मिलेगा और यही देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य तक पहुंचाएगा.
आईआईटी कानपुर में एक कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कारोबारियों से दोस्ती को ध्यान में रखकर नीतियां बनाने से सिर्फ खास-खास लोगों को ही लाभ मिलता है. हमें बाजार के अदृश्य हाथों को ताकत देने के लिए इससे बचने की जरूरत है. हमें कारोबार के अनुकूल नीतियां बनानी होंगी तभी देश में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जा सकेगा.
हालांकि, इसमें अभी कुछ और दूरी तय करने की जरूरत है. सुब्रमणियन ने कहा कि आरोप लगता रहा है कि स्वतंत्रता के बाद से 1991 में हुए उदारीकरण तक सिर्फ कुछ कारोबारियों को ध्यान में रखकर नीतियां बनाई गईं.
उन्होंने दावा किया कि अब इसमें बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि दूरसंचार स्पेक्ट्रम आवंटन पर 2011 में कैग की रिपोर्ट आने के बाद ऐसी कंपनियों में निवेश पर कमाई काफी कम रही जो संपर्कों वाली कंपनी मानी जाती हैं.
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि क्रोनी कैपिटलिज्म के साथ एक दिक्कत है, यह आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए कारोबार का बेहतर मॉडल नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें हमेशा ऐसे रचनात्मक विध्वंस पर ध्यान देना चाहिए, जहां पहले से मौजूद कॉरपोरेट घरानों को चुनौतियां मिलती हों.