रांची: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा की पिछले 2 महीनों से झारखंड की सत्ता ट्विटर से ही चल रही है. जमीनी हकीकत से सरकार का कोई लेना देना नहीं है. प्रतुल ने कहा की झारखंड मुक्ति मोर्चा आदिवासी मूलवासियों के विकास के मुद्दे पर सत्ता में आई है. लेकिन सत्ता में आने के बाद हेमंत सरकार वर्चुअल दुनिया की सरकार बन गई.
प्रतुल ने कहा की ऐसे तो झारखंड में लाखों लोगों ने ट्विटर का अकाउंट बनाकर रखा है लेकिन एक मोटे अनुमान के अनुसार यहां एक लाख से भी कम एक्टिव ट्विटर एकाउंट्स हैं. जबकि झारखंड की आबादी 3.25 करोड़ है. इस तरीके से सरकार सिर्फ 0.3% आबादी की समस्याओं पर निर्देश देकर सुर्खियां बटोर रही है. यानी झारखंड में प्रति लाख की आबादी में सिर्फ 300 लोगों के पास ट्विटर के जरिए सरकार तक अपनी समस्याओं को पहुंचाने का विकल्प है.
प्रतुल ने कहा कि सुदूर जंगलों और पहाड़ों में रहने वाले पहाड़िया, असुर, बिरहोर जैसे आदिम जनजातियों की समस्या का निराकरण ट्विटर से तो नहीं होने वाला और ना ही सुदूर गांवों में बसने वाले 80% आदिवासी मूल वासियों की बात भी ट्विटर के जरिए सरकार तक पहुंचने वाली है.
असली झारखंड गांव में बसता है और अधिकांश ग्रामीण ट्विटर का उपयोग नहीं करते. हेमंत सरकार ट्विटर पर निर्देश देकर सुर्खियां बटोर रही है लेकिन झारखंड के 99.7% लोगों की समस्याएं सरकार तक नहीं पहुंच रही है.