राजस्थान(जयपुर): मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में रिक्त पदों पर नियुक्तियों के अवसर देने के लिए सम्बन्धित विभागों के साथ-साथ राजस्थान लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन बोर्ड को तत्परता से काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि नियुक्तियों के लिए कई महीनों तक इंतजार युवाओं के साथ अन्याय है.
गहलोत ने सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में विभिन्न विभागों में रिक्तियों और प्रक्रियाधीन भर्तियों की स्थिति के लिए दूसरी समीक्षा बैठक में अधिकारियों को सभी लम्बित भर्ती प्रक्रियाओं को जल्द पूरा करने तथा मौजूदा रिक्तियों के लिए नए विज्ञापन शीघ्र जारी करने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि आरएएस भर्ती परीक्षा के लिए संघ लोक सेवा आयोग की तर्ज पर राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से भर्ती कैलेंडर जारी हो, ताकि प्रशासनिक पदों पर नियुक्तियाें में देरी नहीं हो.
उन्होंने कहा कि विभिन्न न्यायालयों में वाद लम्बित होने के कारण 18 हजार 458 पदों पर भर्तियां लम्बित हैं. इन भर्तियों को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए राज्य सरकार के महाधिवक्ता के सहयोग से माननीय न्यायालय से इन मामलों का जल्द निस्तारण कराने के प्रयास करें. उन्होंने कहा कि इससे इन पदों के लिए चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा.
बैठक में अवगत कराया गया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक 35 हजार 39 पदों पर नियुक्तियां दी गई हैं. साथ ही 25 हजार 307 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा परिणाम जारी किए जा चुके हैं और दस्तावेज जांच तथा नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जानी है. अधिकारियों ने बताया की इस प्रक्रिया को शीध्र ही पूरा कर लिया जायेगा.
गहलोत की अध्यक्षता में पिछली बार हुई भर्तियों की समीक्षा बैठक के बाद से प्रशासनिक सुधार विभाग में कनिष्ठ सहायक के 12 हजार 456 पदों तथा माध्यमिक शिक्षा विभाग में वरिष्ठ अध्यापक के 9 हजार 322 पदों पर भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी हुआ है.
अधिकारियों ने यह भी बताया कि 25 हजार 868 विभिन्न पदों के लिए विज्ञापन प्रकाशित किए जा चुके हैं तथा 6 हजार 660 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया जाना प्रक्रियाधीन है.