नई दिल्ली: उत्तरी पूर्वी क्षेत्र में एनआरसी, सीएएए के विरोध में चल रहे आंदोलन में अचानक बीजेपी विधायक प्रत्याशी कपिल मिश्रा के सांप्रदायिक भाषण के बाद हिंसा का वातावरण फैल गया है. जाफराबाद, मौजपुर बाबरपुर, गोकुलपुर, जोहरी एनक्लेव, शिव विहार में सांप्रदायिक दंगा फैलने के कारण मेट्रो सेवाएं स्थगित कर दी गई है.
इस दंगे में सैकड़ों लोग घायल हो चुके हैं और कई लोगों की जीवन लीला समाप्त हो चुकी है. साथ ही साथ बड़े स्तर पर सार्वजनिक संपत्ति की नुकसान हुई है. दंगा प्रभावित क्षेत्रों में यातायात की सुविधाओं में रुकावट आने से रोजगार करने वालों का जीवन काफी प्रभावित हुआ है.
दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रभारी डॉ. अनिल मीणा ने दंगों से प्रभावित परिवार वालों पर शोक व्यक्त किया है और कहां है कि भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा हमेशा से ही हिंदू और मुसलमान के बीच नफरत का जहर घोलने का काम करती रही है, जिसके कारण देश के लोगों को बार-बार दंगों का सामना करना पड़ता है. संघ के इशारों पर चलने वाली यह सरकार सामाजिक न्याय एवं देश की समस्याओं से जुड़े हुए आंदोलनों को तो दबाने में कामयाब रहती है लेकिन दंगा भड़काने वाले एवं दंगे को अंजाम देने वाले लोगों पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करती| सरकार ने खुलेआम मैदान में इंसानियत का कत्ल करने के लिए छोड़ रखा है.
यदि सरकार की मानसिक मनसा दंगों को शांत करने की होती तो अब तक दगां भड़काने वालों को तुरंत प्रभाव से गिरफ्तार कर लेती एवं उन पर कानूनी दंडात्मक कार्यवाही होती तो यह अब तक शांत हो जाता. दिल्ली जैसे राष्ट्र की राजधानी में पढ़े लिखे लोगों के बीच सांप्रदायिक दंगों को अंजाम देने में यह पार्टी इतनी कामयाब है तो फिर तो देश का क्या हाल होगा इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है.
डॉ. अनिल मीणा ने बताया कि कांग्रेस पार्टी ने प्रियंका गांधी के नेतृत्व में हिंदू और मुसलमान के बीच शांति सौहार्द का वातावरण बनाए रखने के लिए अमित शाह के घर तक शांति मार्च निकाला लेकिन सरकार ने बीच में ही रोक दिया. मोदी सरकार स्वयं शांति की अपील करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही लेकिन जब कांग्रेस पार्टी के द्वारा यह पहल की गई तो उसको भी ही रोक दिया जाता है.
देश के प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री की निष्क्रियता को देखते हुए सोनिया गांधी ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेताओं के साथ देश में भाईचारा शांति एवं सौहार्द का वातावरण बनाए रखने के लिए राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया है. कहीं ना कहीं पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार है, जो सांप्रदायिक दंगे पर काबू पाने में वास्तविकता में जमीनी धरातल पर कोई काम नहीं कर रही है.
सरकार ने 1947 के इतिहास को दोहरा दिया है जिस समय धर्म के नाम पर भारत से पाकिस्तान अलग हो गया था. आज सरकार ने लोगों के बीच धर्म के नाम पर इतना जहर भर दिया है, जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण उत्तरी पूर्वी दिल्ली में फैला व सांप्रदायिक दंगा है. कांग्रेस पार्टी ने सभी धर्मों के लोगों से आपसी भाईचारा शांति बनाए रखने के लिए अपील की है और कहा है कि देश बहुत बुरे दौर से गुजर रहा है. इस बुरे दौर में सभी को सावधान सजग रहने की आवश्यकता है. सांप्रदायिकता का जहर घोलने वाले असामाजिक तत्वों से दूर रहने का आह्वान किया है. भले ही फिलहाल सांप्रदायिक तत्त्वों पर कानूनी कार्यवाही नहीं हो रही हो लेकिन समय आने पर वक्त जरूर बदलेगा और दोषियों को सजा जरूर मिलेगी.