रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम के दो जरूरतमंद परिवार की पेंशन हेतु अर्जी स्वीकृत हो गई. अब उन्हें अपने जरूरतों को पूरा करने में राज्य सरकार योजना के तहत आर्थिक मदद करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरतमंदों को पेंशन की सुविधा मिलनी चाहिए. समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान लाने का प्रयास हम कर रहें हैं.
वृद्धों को वृद्धा अवस्था में मिला सहारा
मुख्यमंत्री को बताया गया कि पूर्वी सिंहभूम के डुमरिया प्रखंड स्थित ग्राम लूपुंगडिह निवासी वृद्ध गुडरु सबर और बुसकी सबर को पेंशन और खाद्यान्न हेतु राशन कार्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है. प्रखंड कार्यालय बार बार जाने में अब ये असमर्थ है.
मामले की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ने उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम को सबर परिवार को अविलम्ब जरूरी सरकारी योजनाओं जोड़ने का आदेश दिया. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उपायुक्त क्षेत्र में पीवीजीटी परिवारों की स्थिति का जायजा लें और सुनिश्चित करें की उन्हें उनका वाजिब हक समय पर प्राप्त हो रहा है या नहीं.
स्वीकृत हुआ राशन कार्ड और पेंशन की अर्जी
मुख्यमंत्री के आदेश पर उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम ने बताया कि प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा सम्बंधित दम्पति का पेंशन स्वीकृत किया जा चुका है तथा राशन कार्ड भी बनाया जा रहा है. इन्हें अगले माह से पेंशन एवं मार्च 2020 से राशन प्राप्त होने लगेगा.
इधर विधवा पेंशन की भी मिली स्वीकृति
मुख्यमंत्री को बताया गया कि पश्चिमी सिंहभूम के बंदगांव निवासी ललिता महतो द्वारा विधवा पेंशन हेतु आवेदन करने के बावजूद पेंशन की स्वीकृति नहीं मिली.
.@DCEastSinghbhum कृपया इस सबर परिवार को अविलम्ब ज़रूरी सरकारी योजनाओं से जोड़ते हुए सूचित करें।
साथ ही क्षेत्र के अन्य सभी सबर/PVTG परिवारों की स्थिति का जायज़ा लें और सुनिश्चित करें की उन्हें उनका वाजिब हक़ समय पर प्राप्त हो रहा है। https://t.co/CmRm0C56V2
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) March 6, 2020
विधवा पेंशन स्वीकृत हुई
मामले पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त पश्चिमी सिंहभूम ने बताया कि प्र.वि.पदाधिकारी बंदगांव से वार्ता की गई है. उक्त माता जी का विधवा पेंशन स्वीकृत करते हुए ऑनलाइन प्रविष्टियां भी सुनिश्चित की गई है.
पायल बिटिया के पंखों को मिले एक नई उड़ान, हर संभव मदद करें
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उपायुक्त गुमला को पायल बेटी की पढ़ाई को सुचारू रूप से रखने के लिए उसे हर संभव सहायता पहुंचाने एवं उक्त परिवार की मदद हेतु सरकारी योजनाओं से जोड़कर मदद करने का निर्देश दिया है.
कौन है पायल…
मुख्यमंत्री को ट्वीट के माध्यम से बताया गया कि गुमला की सपना टोप्पो एक ऐसी बेबस मां है जो दिहाड़ी मजदूरी कर किसी तरह अपने चार बच्चों की परवरिश कर रही है. पिता का साया बच्चों के सर से छह साल पहले ही उठ चुका है. पति को खोने का गम कम भी नहीं हुआ था कि सपना टोप्पो की 15 वर्षीय नाबालिग बेटी पायल कुमारी की जिंदगी विगत 6 वर्षों से बिस्तर पर कैद होकर रह गई. पायल का दोनों पैरों ने अचानक काम करना बंद कर दिया. इसके बाद तो पायल की उड़ान भरने वाली पंख पर ही विराम लग गया. किराए के मकान में किसी तरह जिन्दगी जीने की कोशिश करने वाली ये मां कभी कभी हताश होकर रो पड़ती है कि आर्थिक तंगी के कारण बड़ी बेटी पायल का इलाज वो नहीं करा पाई. मां की आस है कि बेटी का किसी बड़े अस्पताल में इलाज कराया जाए तो वो ठीक हो सकती है. मामले की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ने उपायुक्त गुमला को उपरोक्त निर्देश दिया है. उपायुक्त सरायकेला बिटिया को समुचित स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करें.
पुलिस अधीक्षक सरायकेला आरोपियों को शीघ्र पकड़ कर कठोर कार्रवाई करें
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने से उपायुक्त सरायकेला को आदिवासी युवती के साथ हुए दुष्कर्म मामले में युवती को समुचित स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने को कहा है. मुख्यमंत्री ने पुलिस अधीक्षक सरायकेला को निर्देश दिया कि ऐसे वारदातों को अंजाम देने वाले दुष्कर्म के आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उन पर मुकदमा चलाया जाए.
यह है मामला…
मुख्यमंत्री को बताया गया कि सरायकेला थाने से दो किमी की दूरी पर आदिवासी युवती से दुष्कर्म किया गया. युवती की स्थिति देखकर गैंगरेप की शंका भी जताई जा रही है.
कांके प्रखंड कार्यालय की स्थिति की निगरानी कर कार्रवाई करें
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के उपायुक्त को कांके ब्लॉक की स्थिति का जायजा लेकर उचित कार्रवाई कर सूचित करने के निर्देश दिया है.
मुख्यमंत्री ने इसलिए दिया निर्देश
मुख्यमंत्री से ट्वीट के माध्यम से आग्रह किया गया कि कांके प्रखंड कार्यालय की भ्रष्ट स्थिति की निगरानी कर कार्रवाई की जाए. मुख्यमंत्री को बताया गया राज्य की राजधानी में सबसे ज्यादा भ्रष्ट स्थिति कांके प्रखंड कार्यालय का है जहां जाति, आवासीय प्रमाण पत्र के लिए दो-दो महीना इंतजार करने बाद रिजेक्ट कर दिया जाता है. जमीन म्यूटेशन के लिए पैसा मांगा जाता है. सरकारी ऑफिसर्स 12 बजे ऑफिस आते है.