अफगानिस्तान: काबुल में शुक्रवार को एक कार्यक्रम में बंदूकधारियों की गोलीबारी में कम से कम 32 लोग मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए. बाद में पुलिस ने भी दो हमलावरों को मार गिराया. आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) ने अपनी वेबसाइट पर इस हमले की जिम्मेदारी ली है.
अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट से संबंधित एक नए संगठन ने देश के अल्पसंख्यक शियाओं के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर रखी है. तालिबान ने हमले में अपना हाथ होने से इनकार किया है. यह हमला ऐसे समय हुआ है, जब हाल ही में अमेरिका और तालिबान के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है, जिससे देश से अमेरिकी बलों की वापसी का मार्ग प्रशस्त हुआ है.
इस कार्यक्रम में जाने-माने राजनीतिक नेताओं सहित बहुत से लोग शामिल थे. कार्यक्रम में शामिल बहुत से लोग शिया थे, क्योंकि यह कार्यक्रम अफगानिस्तान के हाजरा नेता अब्दुल अली माजरी की याद में आयोजित किया गया था, जिनकी 1995 में हत्या कर दी गयी थी.
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी ने कहा कि काबुल के दाश्त ए बारची में हुए इस हमले में 32 लोग मारे गए हैं और 81 अन्य घायल हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी 32 लोगों के मारे जाने की बात कही, लेकिन घायलों की संख्या 58 बताई है.
विपक्ष के नेता अब्दुल्ला इस कार्यक्रम में मौजूद कई अहम राजनीतिक नेताओं में शामिल थे जो हमले से पहले वहां से चले गए थे और इस तरह से वो बाल-बाल बच गए. अब्दुल्ला पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव में प्रबल दावेदार थे.
कई चश्मदीदों ने कहा कि दहशत के बीच सुरक्षाबलों के कई सदस्यों ने भीड़ में नागरिकों पर गोलियां चला दीं. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी ने बताया कि गोलीबारी के बाद दोनों बंदूकधारी एक निर्माणाधीन इमारत में छिप गए जहां उनकी सुरक्षाबलों के साथ पांच घंटे तक मुठभेड़ चली. अंततः बंदूकधारी मारे गए.