बीते 5 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश किया. इस बजट पर संसद में तीन दिनों की बहस के बाद बुधवार को वित्त मंत्री ने सांसदों के सवालों का जवाब दिया. इस दौरान निर्मला सीतारमण ने बताया कि यह आम बजट अगले 10 साल का विजन है. उन्होंने साथ ही विनिवेश के क्षेत्र में लक्ष्य बढ़ोतरी का भी जिक्र किया.
वित्त मंत्री ने कहा, ”इस बजट के जरिए हमारा लक्ष्य विनिर्माण के क्षेत्र को बढ़ावा देना है. विनिवेश का लक्ष्य 1.05 लाख करोड़ रखने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है.” निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि इस बजट से कृषि, सोशल सेक्टर, स्वास्थ्य, एजुकेशन क्षेत्र को मजबूती मिलेगी. बजट से कृषि और सामाजिक क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा. वित्त मंत्री ने आगे बताया कि सरकार के कुल व्यय में 3.44 लाख करोड़ का इजाफा हुआ है जो कि पहले से ज्यादा है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसके साथ ही कहा, ”हम देश में FDI को बढ़ावा दे रहे हैं. घरेलू उद्योगों को मजबूती देकर रोजगार बढ़ाया जा रहा है और घरेलू निर्माण पर भी जोर दिया जा रहा है. हमारी सरकार का मुख्य एजेंडा आर्थिक विकास है.”
इस दौरान निर्मला सीतारमण ने बताया कि बजट से सरकार के टैक्स रेवेन्यू में इजाफा होगा. उन्होंने कहा, ” जीएसटी लागू होने के बाद यह दूसरा बजट है और केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के लिए 82 हजार 845 करोड़ रुपये ज्यादा दिए गए हैं.” हालांकि इस दौरान कांग्रेस सांसदों ने वित्त मंत्री के उस बयान पर आपत्ति जताई जिसमें उन्होंने खुद को टीचर कहा था. इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि अगर कुछ गलत होगा तो उसे सदन की कार्यवाही से हटा दिया जाएगा.