निरज कुमार,
रांची: राजधानी रांची के तालाब फिर से नारकीय स्थिति में तब्दील हो रहे हैं. पर्याप्त निगरानी के अभाव में इन तालाबों के पास झाड़ियां उग आई है. कई जगहों पर असमाजिक तत्वों का जमावड़ा लगने लगा है. सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है. नगर निगम भी इस ओर उदासीन बना हुआ है. हालांकि मेयर का कहना है कि इसके लिए लगातार कदम उठाये जाते हैं.
सौंदर्यकरण का ये उद्देश्य
जानकारी हो कि करोड़ों रुपये खर्च कर राजधानी रांची के तालाबों का सौंदर्यीकरण किया गया है. इसके तहत शहर के विभिन्न तलाबों की बाउंड्री कराई गई है. तलाबों में फैल रही गंदगी पर काबू पाने और इसकी स्वच्छता कायम रखने के लिए ये कदम उठाये गये हैं. इसका एक उद्देश्य शहरवासियों को गर्मी के वक्त पानी की किल्लत से निजात दिलाना भी है. सरकार का मानना है कि तालाबों की स्थिति ठीक रहने पर भू-जलस्तर नीचे नहीं गिरेगा. हालांकि हालात इसके ठीक उलट है.
असमाजिक तत्वों का जमावड़ा
शहर के हृदयस्थल में बसे लाइन टैंक रोड स्थित चडरी तलाब की बाउंड्री भी नगर निगम ने कराई है. अब इसके रखरखाव का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. चारों ओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है. हर ओर लंबी-लंबी झाड़ियां उग आई है. लोग तलाब को नहाने धोने के प्रयोग में ला रहे हैं. असमाजिक तत्व यहां नशा आदि का सेवन भी करते हैं. जिससे इसकी सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवालिया निशान खड़ा होता है. करोड़ों की लागत से सौंदर्यीकरण किये गये इन तालाबों की स्थिति देखकर खर्च की गई राशि व्यर्थ जाती दिख रही है.
गेट के पास कूड़े का ढ़ेर
इतना ही नहीं तालाब के गेट के पास कूड़ा कचरा का ढ़ेर लगा हुआ है. इसके कारण आसपास से गुजरने वाले लोग नाक पर रुमाल रखने को मजबूर हो जाते हैं. जानकारी हो कि तालाब के पास ही नगर निगम का कार्यालय है. फिर भी इसकी सुध नहीं ली जा रही है. यह स्थिति शहर में स्थित अधिकांश तालाबों की है. इस मामले में नगर निगम की महापौर आशा लकड़ा कहती है कि समय-समय पर इसके लिए कार्यक्रम चलाये जाते रहते हैं.