- रांची ले जाने के क्रम में दोनों की रास्त में हुई मौत, घर और पड़ोस के लोगों ने नहीं मनाया ईद
हजारीबाग: मंगलवार आधी रात के बाद शहर के पीटीसी चौक के पास एक तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आने से लाखे गांव के 40 वर्षीय साजिद इकबाल और 22 वर्षीय गुलाम रब्बानी की मौत हो गई। दाेनों आपस में साला बहनोई थे। ईद की खरीदारी कर शहर से अपने घर लाखे लौट रहे थे। दोनों संत जेवियर स्कूल से आगे पीटीसी चौक के पास वाहन की चपेट में आ गए। साजिद इकबाल ओरिया मध्य विद्यालय में पारा टीचर के रूप में कार्यरत थे। मृतक साजिद इकबाल की दो बच्चियां हैं। बड़ी बेटी चार साल और छोटी बेटी नाै माह की है।
चांद देखने के बाद खरीदारी करने के लिए आए थे मेन रोड
मंगलवार को चांद का दीदार करने के बाद दोनों ईद की खरीदारी करने के लिए शहर के मेन रोड आये थे। खरीददारी में आधी रात गुजर गई। हजारीबाग में चांद रात में रातभर बाजार खुली रहने और खरीददारी जारी रहने की परंपरा है। रात के लगभग एक बजे दोनों मोटरसाईकिल से लाखे लौट रहे थे। इसी क्रम में लाखे से मात्र डेढ़ किलोमीटर पहले पीटीसी चौक के पास एसपी कोठी की तरफ से आ रहे तेज रफ्तार वाहन ने अपनी चपेट में ले लिया। मृतक संत जेवियर स्कूल से लाखे की ओर जा रहे थे और वाहन हीराबाग से होली क्रॉस स्कूल की तरफ जा रहा था।
सीसीटीवी फुटेज से हुई अज्ञात वाहन की पहचान
बुधवार को चौक पर लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज से सामने आया कि अज्ञात वाहन पटना से रांची जाने वाली राजधानी ट्रेवल्स की बस थी, जो रात में हजारीबाग बस स्टैंड से होकर न जाकर सर्किट हाउस के निकट से पीडब्लूडी रोड से निकल कर सीधा संत कोलंबा कॉलेज मोड़ निकलने की फिराक में इस रोड पर आ गई थी। रात में हुए इस हादसे के बाद बाजार से लौट रहे कुछ लोगों ने दोनों को तत्काल सदर अस्पताल पहुंचाने का इंतजाम किया जहां घायलों की हालत को देखते हुए दोनों को रांची रेफर कर दिया गया। लेकिन रांची ले जाने के क्रम में रास्ते में ही दोनों की मौत हो गई।
लाखे के लोगों ने नहीं मनाई ईद, छाया रहा मातम
ईद के मौके पर एक साथ दो लोगों की मौत के गम में लाखे के लोगों ने ईद का त्यौहार नहीं मनाया। उन्होंने सिर्फ लाखे मस्जिद में सादगी के साथ ईद की नमाज अदा की। उन्होंने ईद के मौके पर न नए कपड़े पहने और न उनके घरों में सेवईयां बनी और न पूर्व की तैयारी के अनुसार लजीज व्यंजन ही बने। लाखे में पूरे दिन मातमी सन्नाटा छाया रहा। दोनों मृतकों का जनाजा शाम में निकला और लाखे कब्रिस्तान में मिट्टी मंजिल की रस्म पूरी की गई।