मध्य प्रदेश: कमलनाथ सरकार के लिए एक राहत भरी खबर निकलकर सामने आई है. मध्य प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच विधानसभा की कार्यवाही को 26 मार्च तक के लिए स्थिगित कर दिया गया है. स्थगन के पीछे कोरोना वायरस को बताया गया है. इससे मध्य प्रदेश विधानसभा में फिलहाल फ्लोर टेस्ट नहीं हो सकेगा. इस बीच कांग्रेस सरकार के लिए नए रास्ते खुल सकते हैं.
MP विधानसभा में हुए अभिभाषण के दौरान राज्यपाल ने कहा कि संविधान के तहत सभी लोग अपने दायित्व को निभाएं. राज्यपाल के अभिभाषण के बाद हंगामा शुरू हो गया. मध्य प्रदेश के लिए फ्लोर टेस्ट अभी सस्पेंश बना हुआ है.
ऐसा माना जा रहा है कि बेंगलुरू में रुके हुए 22 बागी विधायकों के लिए एक चार्टर्ड प्लेन खड़ा है. कांग्रेस से बागी होकर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का इसारा मिलते ही बागी विधायकों को भोपाल के लिए रवाना किया जाएगा.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का कहना है कि कमलनाथ सरकार अपना बहुमत खो चुकी है. इसके चलते विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट से कमलनाथ सरकार बच रही है. बीजेपी नेता कमलनाथ का ये बयान कमलनाथ के राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद सामने आया है.
मध्य प्रदेश विधानसभा की प्रभावी संख्या 228 से कम होकर 222 रह गई है. ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 112 पर आ ठहरा है. कांग्रेस के विधायकों की संख्या 114 से कम होकर 108 रह गई है. 1 सपा, 2 बसपा, 4 निर्दलीय विधायक कमलनाथ सरकार को समर्थन देने देंगे. MP विधानसभा में कुल 230 सीटें है. 2 विधायकों के निधन के बाद वर्तमान में ये आंकड़ा 228 पर आ ठहरा है. भाजपा के पास 107 विधायक हैं.