रांची: झारखंड सरकार द्वारा यह विश्वास दिलाया गया है कि प्रधानमंत्री आवास योजना तथा ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू उपयोग के लिए आवश्यक बालू उठाव करने वालों को पुलिस परेशान नहीं करेगी.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) विधायक कमलेश कुमार सिंह के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में कृषि मंत्री और खान-भूतत्व विभाग के प्रभारी मंत्री बादल ने बताया कि इस संबंध में पूर्व में ही गृह विभाग द्वारा सभी जिलों को पत्र लिखकर स्पष्ट दिशा निर्देश दिया गया है कि बालू वाहनों की जांच पुलिस नहीं करेगी.
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इस संबंध में फिर से सभी जिलों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि सरकार सभी जिलों के उपायुक्तों को यह भी निर्देश देगी कि श्रेणी-1 के बालू घाटों की सूची अपने जिले में प्रकाशित करायें और घरेलू उपयोग के लिए बालू उठाव करने वालों से सिर्फ 100 रुपये प्रति ट्रैक्टर मेंटेनेंस चार्ज लिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि राज्य में दो श्रेणी के बालू घाट है, श्रेणी-1 के बालू घाटों से बालू का उठाव बिल्कुल निःशुल्क है, सिर्फ 100 रुपये मेंटेनेंस चार्ज लिया जाता है.
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वहीं श्रेणी-2 के बालू घाटों की निलामी जेएसएमडीसी द्वारा की जाती है, ऐसे 17 घाटों की निविदा हो चुकी है और अन्य घाटों की निविदा की प्रक्रिया पूरी की जा रही है.
प्रभारी मंत्री ने बताया कि राज्य में अवैध उत्खनन, भंडारण और प्रेषण के रोकथाम के लिए राज्य खनिज और जिला स्तरीय खनिज टास्क फोर्स गठित की गयी है. जिसके कारण अवैध खनन प्रेषण पर सतत निगरानी की जाती है और अनियमितता पाये जाने पर कार्रवाई भी की जाती है.
वहीं भाजपा के मनीष जायसवाल ने यह जानकारी दी कि ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस सीधे बालू वाहनों को नहीं पकड़ती है, बल्कि उन्हें रोक कर खनन विभाग और अंचल अधिकारी को बुलाया जाता है और फिर उनसे वसूली की जाती है. भाजपा के ही अमर कुमार बाउरी, कांग्रेस के रामचंद्र सिंह ने भी अपने क्षेत्र में आने वाली ऐसी कठिनाईयों का जिक्र किया.