- झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद, राज्य कार्यकारिणी समिति की 56वीं बैठक
- मध्याह्न भोजन के लिए 638 करोड़ का बजटीय प्रावधान अनुमोदित
रांची: राज्य सरकार शिक्षा के माध्यम से विकास की गाड़ी को पटरी पर दौड़ाएगी। इसके लिए सरकार ने समग्र शिक्षा पर फोकस करते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 में लगभग 3 हजार करोड़ रुपये खर्च करने फैसला लिया है. मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने झारखंड मंत्रालय में झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद, राज्य कार्यकारिणी समिति की 56वीं बैठक में शिक्षा विभाग के 2960 करोड़ रुपये के बजट प्रस्तावों को समीक्षोपरांत अनुमोदित कर केंद्र सरकार की स्वीकृति के लिए भेजने का निर्देश दिया है. इस राशि को शिक्षा के साथ विद्यार्थियों की पोशाक, जूता-मोजा, स्वेटर समेत शिक्षण सामग्री में व्यय किया जाएगा. इस मद में पिछले वर्ष का बजटीय प्रावधान लगभग 2600 करोड़ रुपये का था.
मध्याह्न भोजन के लिए 638 करोड़ का बजटीय प्रावधान अनुमोदित
स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य पर भी सरकार ने फोकस किया है. मुख्य सचिव ने मध्याह्न भोजन के लिए 638 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान को अनुमोदित किया है. स्कूलों में बच्चों के मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता बेहतर करने की कवायद के तहत मुख्य सचिव ने भोजन में प्रोटीन की उपलब्धता बढ़ाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि एक सर्वे में यह स्पष्ट हुआ है कि झारखंड में एनिमिया के 90 प्रतिशत से अधिक मामलों में प्रोटीन की कमी रही है. उन्होंने कहा कि दाल के साथ चना और प्रोटीनयुक्त अन्य खाद्य सामग्री मध्याह्न भोजन में शामिल करें. वहीं मध्याह्न भोजन बनाने के बर्तनों को भी बेहतर करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित होना चाहिए कि कोई भी बर्तन बिना ढक्कन का नहीं हो, ताकि उसमें रखे खाद्य पदार्थों में कोई अवांछित चीज नहीं गिर सके. साथ ही पुराने पड़ चुके उन बर्तनों को बदलने का निर्देश दिया, जो अनगढ़ हो गए हों या धब्बेदार बन चुके हैं.
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