रांची: झारखंड प्रदेश जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश महासचिव जफर कमाल ने कहा कि सीएए के खिलाफ देश भर मे विरोध प्रदर्शन हो रहे है. यह कानून संविधान के अनुच्छेद 14 एंव 15 का उल्लंघन है तथा यह भी स्पष्ट है कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर का पहला कदम है. जनगणना में जनसंख्या का डाटा दिया जाता है जबकि एनपीआर में माता-पिता, दादा दादी, नाना नानी का जन्म स्थान और उनकी जन्म तिथि का भी ब्योरा उपलब्ध कराना होगा. जो किसी भी हाल में व्यवहारिक नहीं है.
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जफर कमाल ने कहा कि देश के करीब 11 राज्य सरकारो के द्वारा सीएए, एनपीआर के विरुद्ध उनके अपने-अपने विधानसभाओं से प्रस्ताव पारित किया जा चुका है.
जिसमें बिहार सरकार के मुख्यमंत्री सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बिहार की जनता के जनभावना का आदर करते हुए बिहार विधानसभा से सीएए, एनपीआर के विरुद्ध सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर राज्य की जनता के हितों की रक्षा हेतु एक सुनहरा उदाहरण पेश किया.
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बड़ी ही चिंता का विषय है कि इस कानून के खिलाफ झारखंड राज्य के हेमंत सोरेन सरकार लम्बे इन्तजार के बाद भी अब तक चुप है.
पार्टी सरकार से मांग करते है कि राज्य सरकार झारखंड के हितो की रक्षा हेतु सीएए, एनपीआर जैसे कानून के विरुद्ध विधानसभा मे प्रस्ताव लाकर करे एंव 2010 के जनगणना फार्मेट में ही आवश्यक प्रविष्टि कराने का आदेश पारित करे, साथ ही विधानसभा द्वारा केंद्र सरकार को सीएए वापस लेने के सम्बन्ध मे प्रस्ताव पारित किया जाये व राज्य एंव देशवासीयों की पीड़ा को दूर करे.