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शिकायत वाले मास्क सैंपल का स्टॉक स्टोर में नहीं पाया गया
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तीन ड्रग इंस्पेक्टर के दल ने की छापामारी
रांची: सोशल मीडिया पर मिली शिकायत पर जिला प्रशासन ने शुक्रवार को मेन रोड स्थित आजाद फार्मेसी में छापामारी की. यह छापामारी रांची उपायुक्ता राय महिमापत रे के निर्देश पर हुई. जिला प्रशासन को सोशल मीडिया के जरिए शिकायत मिली थी कि आजाद फार्मेसी में मास्क की कालाबाजारी की जा रही है. जिस पर संज्ञान लेते हुए उपायुक्त रांची ने यह कार्रवाई की.
निर्देश पाते ही औषधि निरीक्षकों का एक दल जांच के लिए आज़ाद फार्मेसी पहुंचा, जहां से जांच दल को शिकायत में दिखाये गए मास्क सैंपल का कोई नहीं नमूना नहीं मिला. अधिकारियों ने जांच कर रिपोर्ट अनुमंंडल पदाधिकारी लोकेश मिश्रा को सौंप दी है. छापामारी दल में गौरव कुमार सिंह, औषधि निरीक्षक रांची 4, चंदन प्रसाद कश्यप, औषधि निरीक्षक रांची 5 एवं प्रतिभा झा, औषधि निरीक्षक रांची 6 शामिल थे.
कैसे आया मामला:
ट्वीटर एक युवक ने शिकायत की थी कि रांची के एक मेडिकल हॉल में मास्क की कालाबाजारी हो रही है. शुक्रवार को उपायुक्त रांची के ट्विटर हैंडल पर एक शिकायतकर्ता ने वीडियो पोस्ट करते हुए बताया था कि 35 रुपये का मास्क 200 में बेची जा रही है. उपायुक्त रांची ने मामले में संज्ञान लेते हुए एसडीओ लोकेश मिश्रा को इसकी तहकीकात करने और दोषियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई का निर्देश दिया.
जांच में क्या पाया गया
औषधि निरीक्षकों की टीम पुलिस और अन्य सहायकों के साथ में रोड स्थित आजाद फार्मेसी पहुंची और उनसे वीडियो से संबंधित पूछताछ की. इस दौरान स्टोर के मालिक ने बताया कि हमारे मेडिकल स्टोर में इस तरह का कोई मास्क उपलब्ध नहीं है. जांच के दौरान मेडिकल स्टोर के दोनों पार्टनर उपस्थित थे. इस दौरान उनसे स्टोर की स्टॉक पंजी सहित अन्य दस्तावेजों की जांच की गई जिसमें पता चला कि स्टोर में N95 मास्क के कुल 78 पीस उपलब्ध हैं, जिसकी एमआरपी उस पर अंकित है.
इसके अतिरिक्त 45 रियूजेबल N95 मास्क स्टोर में उपलब्ध है, जिसकी 50 पीस की खरीद की गई थी. इससे संबंधित जरूरी इनवॉयस एवं अन्य दस्तावेज जांच दल के समक्ष पेश किया गया. सोशल मीडिया पर अपलोडेड वीडियो जिसमें प्रतिष्ठान द्वारा पीली मास्क की कीमत 200 रुपये बतायी गई है, इस संबंध में पूछताछ की गई. जिस पर स्टोर के एक मालिक(पार्टनर) ने बताया कि वह मास्क प्रतिष्ठान में अब उपलब्ध नहीं है.
संयुक्त जांच दल द्वारा संस्थान का भौतिक निरीक्षण भी किया गया. निरीक्षण के दौरान पीला मास्क के अलावा अन्य कोई मास्क स्टोर में उपलब्ध नहीं था. घटना के बारे में उनके द्वारा बताया गया कि वीडियो में जिस मास्क के बारे में बात की जा रही है वह वीडियो 13 मार्च से पहले का है. जिस वक्त आवश्यक वस्तु अधिनियम मास्क पर लागू नहीं था. वह मास्क किसी लोकल वेंडर द्वारा 135 रुपये में खरीदा गया था, जिसे कुछ मुनाफे के साथ 150-200 रुपये के बीच ग्राहकों को उपलब्ध कराया जा रहा था.