नई दिल्ली: रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को जमाकर्ताओं की चिंताएं दूर करते हुए कहा कि देश का बैंकिंग तंत्र पूरी तरह सुरक्षित और मजबूत है.
शेयर बाजार में गिरावट से बैंकों के शेयरों में आई कमी का उनकी वित्तीय प्रणाली पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने जमाकर्ताओं से यह भी आग्रह किया कि वे घबराकर बैंकों से पैसे नहीं निकालें.
दास ने कहा, मैं भरोसा दिलाता हूं कि देश की बैंकिंग प्रणाली मजबूत है. कोरोना वायरस संकट के बाद शेयर बाजार में गिरावट आई है जिसका असर बैंकों के शेयरों पर भी पड़ा है.
इससे घबराकर लोग बैंकों से निकासी कर रहे हैं, तो शेयर की कीमत से जमा धन की सुरक्षा को जोड़ना गलत धारणा है.
सरकारी और निजी दोनों ही बैंकों में जमाकर्ताओं का पैसा पूरी तरह सुरक्षित है. लिहाजा मैं खुदरा ग्राहकों और प्राधिकरणों से आग्रह करता हूं कि वे घबराहट में जमा धन की निकासी न करें.
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गौरतलब है कि महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों ने सभी विभागों से निजी क्षेत्र के बैंकों से पैसा निकालने को कहा है, जिसके बाद रिजर्व बैंक ने राज्यों से ऐसा न करने की अपील भी की थी.
गवर्नर ने कहा कि लॉकडाउन और कोरोना संकट से जंग में वित्तीय संस्थानों की मजबूती के लिए 3.74 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी के इंतजाम किए गए हैं.
इससे बैंकों की कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी और देश में नकदी की किल्लत नहीं आएगी. इसके लिए रिजर्व बैंक एक लाख करोड़ के रेपो आधारित बॉन्ड की नीलामी करेगा.
साथ ही बैंकों के लिए नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) 4 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी कर दिया, जो 28 मार्च से एक साल के लिए लागू रहेगा.
इससे बाजार में 1.37 लाख करोड़ की नकदी आएगी. इसके अलावा बैंकों के लिए सीमांत कर्ज सुविधा दर (एमएसएफ) 2 फीसदी से बढ़ाकर 3 फीसदी कर दिया है.
इसके तहत बैंक अपने सांविधिक नकदी अनुपात (एसएलआर) का 2 फीसदी ओवरनाइट कर्ज ले सकते हैं, जो अब बढ़ गया है। यह व्यवस्था 30 जून तक लागू रहेगी.
आरबीआई ने बैंकों को पूंजी संरक्षण बफर (सीसीबी) की किस्त जमा करने में भी 6 महीने की छूट दी है. इस कदम से बैंकों के हाथ में 35 हजार करोड़ की अतिरिक्त पूंजी आएगी और उन्हें इसकी 10 गुना राशि (3.5 लाख करोड़ रुपये) कर्ज बांटने की छूट मिल जाएगी.
बैंकों करेंगे एनडीएफ में कारोबार गवर्नर ने कोरोना संकट के बीच ग्राहकों से अधिकतर डिजिटल लेनदेन अपनाने की अपील की है.
उन्होंने कहा, कोरोना वायरस का संकट हमारे सामने है, लेकिन यह भी बीत जाएगा. हमें सावधानी बरतने की जरूरत है और सभी एहतियाती कदम उठाने हैं. मैं यह आपकी समझ पर छोड़ता हूं. साफ रहिए, सुरक्षित रहिए और डिजिटल अपनाइए.