केरल: केरल में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले सामने आये हैं. यहां संक्रमण से तो एक ही मौत हुई, जबकि लॉकडाउन के चलते शराब नहीं मिलने पर कई लोगों ने जान दे दी. इसके बाद मुख्यमंत्री पी. विजयन ने कहा कि डॉक्टर्स की पर्ची के साथ लोग शराब खरीद सकते हैं.
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शराब की इस जानलेवा लत को छुड़वाने के लिए राज्य सरकार ने राज्य में नशा मुक्ति केंद्र भी बनवाए हैं और लोगों से इन केंद्रों में अपना इलाज करवाने की अपील भी की थी.
केरल मेंटल हेल्थ सर्वे, 2018 के अनुसार, लगभग 50 हजार पुरुष शराब से संबंधित समस्याओं से पीड़ित हैं.
कांग्रेस के नेतृत्व वाली और BJP की बार-बार दलीलों के बावजूद, विजयन सरकार ने बुधवार को मोदी के 21 दिन की लॉकडाउन की घोषणा के एक दिन बाद तक राज्य के पेय पदार्थ निगम की सभी दुकानों को खुली रखने का फैसला किया था.
विजयन ने कहा कि सभी दुकानों के अचानक बंद होने से अन्य सामाजिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं. हालांकि दूसरा बड़ा कारण यह है कि राजस्व का नुकसान हो रहा था. केरल के 14 जिलों में कुल 301 खुदरा शराब की दुकानें हैं, जिनमें से 265 केरल राज्य पेय निगम के अधीन हैं.
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एक मौत दिल का दौरा पड़ने से, एक मौत शेविंग लोशन का सेवन करने से और 7 मामले आत्महत्या के हैं. गौरतलब है कि दक्षिणी राज्य केरल में कोरोना संक्रमण के लगभग 200 मामले सामने आ चुके हैं और अब तक इससे एक मौत भी हो चुकी है.
लॉकडाउन में केरल में भी सभी होटल, बार और शराब की दुकानें बंद हो चुकी हैं जिससे वहां एक अलग ही ट्रेजडी देखने को मिल रही है.
शराब न मिल पाने की वजह से आत्महत्या के मामलों में एक मामला त्रिसूर जिले के कोडंगलूर के 32 वर्षीय सुनील का है, जिसने नदी में कूदकर जान दे दी.
पुलिस जांच में पता चला है कि शराब न मिल पाने की वजह से सुनील काफी परेशान हो गया था और वह देर रात घर से निकला और नदी में कूद गया. उसका शव त्रिसूर जिले के इरिनजलाकुडा से निकाला गया.
दूसरा मामला 34 वर्षीय नौशाद का है जिसने शेविंग लोशन पीकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. वहीं कोल्लम के मुरलीधरन आचार्य की शराब न मिलने से हार्ट अटैक से मौत हो गयी.
46 वर्षीय एक व्यक्ति ने एक इमारत से कूदकर जान देने की कोशिश की जिसका कोट्टायम के सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है.
एक मामला 38 वर्षीय दिहाड़ी मजदूर सनोज का भी है जिसके बारे में बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के चलते शराब न मिल पाने से ही पेड़ से लटककर जान दे दी.