रांची: कोरोना वायरस कोविड-19 के देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान झारखंड के 1.18 लाख लोग जगह-जगह फंसे है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन सभी प्रवासी श्रमिकों और फंसे परिवारों को राज्य सरकार की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है. सबसे अधिक प्रवासी श्रमिक सर्वाधिक कोरोना प्रभावित राज्य महाराष्ट्र और गुजरात में फंसे है. देशभर के विभिन्न हिस्सों और राज्य के कई जिलों में फंसे 3250 से अधिक लोगों ने हेल्पलाइन नंबर, सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से सरकार से संपर्क स्थापित कर मदद की गुहार लगायी है. देश के 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से लोगों ने संपर्क स्थापित करने की कोशिश की है.
इधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को ट्वीट कर बताया कि वे राज्य से बाहर रह रहे, हर एक झारखंडी से संपर्क की कोशिश में है. उन्होंने दूसरे राज्यों में फंसे लोगों से को भरोसा दिलाते हुए कहा कि वे चिंतित न हो, राज्य सरकार उन तक मदद पहुंचाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने यह भी अपील की है कि राज्य सरकार द्वारा संचालित किसी भी कॉल सेंटर में अपनी समस्या एक बार लिखाएं, हर नंबर पर फोन नहीं लगाये.
उन्होंने बताया कि हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने पर उनकी समस्या नोट कर ली जा रही है और उन तक मदद पहुंचाने का कार्य तुरंत शुरू कर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से ही इस आपदा से निपटने में सफलता मिलेगी.
लॉक डाउन में फंसे लोगों की मदद के लिए राज्य सरकार द्वारा हेल्पलाइन की व्यवस्था की गयी है और सोशल मीडिया के माध्यम से ही जरूरतमंद लोगों को तत्काल मदद पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. इस दौरान महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में फंसे 27,497 लोगों के बारे में राज्य सरकार को जानकारी मिली है.
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महाराष्ट्र के 554 लोगों ने मदद के लिए संपर्क स्थापित करने की कोशिश की. वहीं गुजरात के 242 लोगों ने फोन कर 11,118 लोगों के फंसे रहने की सूचना दी, जबकि तमिलनाडू से 372 लोगों ने फोन कर 13,948 लोगों के तथा तेलगांना से 119 लोगों ने फोन कर 4,983 लोगों ने फंसे रहने की सूचना दी है. आंध्र प्रदेश में 4762, अरुणाचल प्रदेश में 43, असम में 139, बिहार में 742, चंडीगढ़ में 742, छत्तीसगढ़ में 763, दादरा और नगर हवेली में 125, दिल्ली में 3953, गोवा में 1862, हरियाणा में 3144, हिमाचल प्रदेश में 453, जम्मू-कश्मीर में 553, कर्नाटक में 9001, केरल में 7954, मध्य प्रदेश में 947, मिजोरम में 40, नागालैंड में 8, ओड़िशा में 880, पंजाब में 1375, राजस्थान में 1132, सिक्किम में 2, उत्तर प्रदेश में 2106, उत्तराखंड में 126 और पश्चिम बंगाल में 2243 लोगों के फंसे रहने की सूचना राज्य सरकार को प्राप्त हुई है.
इसके अलावा झारखंड के विभिन्न जिलों में भी 18,085 ऐसे है, जो इस संकट की घड़ी में अपने घरों में वापस लौटना चाहते है. यह आंकड़ा 30 मार्च की शाम तक प्राप्त सूचना के आधार है. इस संबंध में 3252 लोगों ने फोन कर राज्य सरकार को यह सूचना दी कि लॉकडाउन में वे खुद, परिवार के सदस्य और अन्य साथी-सहयोगी फंसे है, उनके पास भोजन के लिए राशन और पैसा भी खत्म हो गया है. इसलिए तत्काल मदद उपलब्ध करायी जाए. इससे पहले 29 मार्च तक ऐसे फंसे लोगों का आंकड़ा करीब 77,000 था. अगले एक-दो दिनों में सूचना मिलने पर इस आंकड़े में बढ़ोत्तरी होने की संभावना है.