रांची: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने लिए पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है. हालांकि कोयला उत्पादन को आवश्यक सेवा मानते हुए लॉक डाउन से छूट दी गई है. छूट मिलने के बाद भी कोल इंडिया लिमिटेड टारगेट पाने में सफल नहीं हो सकी. कंपनी वित्तीय वर्ष 2019-2020 में प्रोडक्शन टारगेट से 9 फीसदी पीछे रही. झारखंड स्थित दोनों कोयला कंपनियां टारगेट पाने में असफल रही. प्रोडक्शन में सबसे फिसड्डी धनबाद स्थित भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL) रही. वह टारगेट का महज 77 फीसदी ही हासिल कर सकी.
Also Read This: गौतम गंभीर ने डोनेट की अपनी 2 साल की सैलरी
660 मिलियन टन का टारगेट
कोल इंडिया को 660 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करने का टारगेट दिया गया था. इसके विरुद्ध कंपनी 602.14 मिलियन टन कोयले का उत्पादन ही कर सकी. यह टारगेट का 91 फीसदी ही है. कोल इंडिया ने प्रोडक्शन टारगेट से करीब 58 मिलियन टन कम कोयले का उत्पादन किया.
CCL में टारगेट का 87 फीसदी उत्पादन
कंपनी के आंकड़ों के मुताबिक झारखंड स्थित कंपनी सीसीएल टारगेट से 13 फीसदी पीछे रही. टारगेट 77.00 मिलियन टन के विरुद्ध कंपनी मात्र 66.89 मिलियन टन ही उत्पा दन कर सकी. यह टारगेट का 87 फीसदी है.
Also Read This: दाल-भात केंद्रों की संख्या बढ़कर 38, गरीबों तक राशन पहुंचाने की कोशिश: उपायुक्त
BCCL का खराब प्रदर्शन
झारखंड स्थित कोयला कंपनी बीसीसीएल का प्रदर्शन सबसे खराब रहा. कंपनी उत्पादन टारगेट का महज 77 प्रतिशत ही हासिल कर सकी. एनसीएल और डब्ल्यूसीएल टारगेट से अधिक उत्पाादन कर सकी. इन कंपनियों ने क्रमश: 102 और 103 फीसदी टारगेट हासिल किया.
उत्पादन टारगेट, उत्पादन और उपलब्धि
कंपनी | टारगेट (मिलियन टन में) | उत्पादन(मिलियन टन में) | उपलब्धि (%) |
ECL | 53.50 | 50.41 | 94 |
BCCL | 36 | 27.73 | 77 |
CCL | 77 | 66.89 | 87 |
NCL | 106.25 | 108.05 | 102 |
WCL | 56 | 57.64 | 103 |
SECL | 170.5 | 150.55 | 88 |
MCL | 160 | 140.36 | 88 |
NEC | 0.75 | 0.52 | 69 |