• About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
BnnBharat
  • News
  • National
  • International
  • Politics
  • Today in History
  • Education
  • Sanatana
  • Health is Wealth
No Result
View All Result
  • News
  • National
  • International
  • Politics
  • Today in History
  • Education
  • Sanatana
  • Health is Wealth
No Result
View All Result
BnnBharat
No Result
View All Result

बच्चों में समानता का भाव विकसित करना (परवरिश-19)

by bnnbharat.com
July 6, 2021
in Uncategorized
0
बच्चों में समानता का भाव विकसित करना (परवरिश-19)

बच्चों में समानता का भाव विकसित करना  (परवरिश-19)

0
SHARES
30
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

राहुल मेहता,

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना के कारण सभी घर में थे. काम वाली बाई भी नहीं आ रही थी. सुनीता ने सोचा इसी बहाने बच्चों को कुछ काम सिखा दिया जाये. मदद भी हो जायेगा और बच्चे काम भी सीख जायेंगे.

उनसे बेटी को बेड- बिस्तर ठीक करने और बेटे को झाड़ू लगाने के लिए कहा. बेटा तपाक से बोल उठा- मैं नहीं करता झाड़ू. यह लड़कियों का काम है. सुनीता परेशान.

आखिर इसने यह सीखा कहां से? वह भली-भांति जानती थी कि लैंगिक भेद-भाव वाली सोच उसके विकास में भी बाधक बनेगी. वह चिंतित हो उठी. पर दोष उसका भी था. उसने बच्चों को कभी लैंगिक समानता के बारे में सिखाया ही नहीं था. घर में बाई होने के कारण बच्चों ने भी कभी पिताजी को झाड़ू-पोछा करते नहीं देखा था.

सुनीता की चिंता

सुनीता ने कभी प्रत्यक्षतः बेटा-बेटी में फर्क नहीं किया था. उसका मानना था कि लड़कियां और लड़के की कई जरूरतें एक ही जैसी होती हैं. वे समान अवसर और सहयोग के पात्र हैं.

दोनों की ज़िम्मेदारी भी है कि वे भी अपने परिवार की मदद करें. उसने इन जिम्मेदारियों को भी दोनों के बीच समान रूप से साझा करने का निर्णय ले लिया. उसका मानना था कि उत्तम विकास के लिए दोनों:-

  • समान रूप से स्वस्थ हों- सभी बच्चों की स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच हो.
  • समान रूप से सुरक्षित हों- सभी बच्चों का शोषण, हिंसा,दुर्व्यवहार और उपेक्षा से संरक्षण हो.
  • समान देखभाल प्राप्त करें– सभी बच्चों को आवश्यकतानुसार प्यार, संरक्षण और सहायता मिले.
  • समान शिक्षा प्राप्त करें– सभी बच्चों को शिक्षा के लिए बराबरी का अवसर मिले.

लैंगिक मानदंडों को समझना

सुनीता ने बेटे से पूछा. उसने ऐसा जवाब क्यों दिया? किसने सिखाया. बेटे का जवाब था- किसी ने नहीं, उसे लगा. हो सकता है, बच्चों को किसी व्यवहार के बारे में सिखाया नहीं गया हो पर सामाजिक मानदंड के परिपेक्ष्य में उन्हें कुछ “लगता है”,जो उनके व्यवहार को निर्धारित करती है.

सामाजिक मानदंडो की ये सीमाएं बच्चो में लैंगिक जिम्मेदारियों की बीजारोपण कर देते हैं. सामाजिक मानदंड, रीति-रिवाज और परंपरा के कारण आदि काल से महिलाओं और पुरुषों की पहचान और भूमिकाएं तय कर दी गई हैं. हो सकता है आदि-काल में उनका कुछ तार्किक आधार हो.

लेकिन तार्किक आधार में बदलाव के बावजूद इन्हें कायम रखना लैंगिक शोषण और पुरुष सत्ता को कायम रखने की एक इच्छित या अनिच्छित कवायद प्रतीत होती है.

लिंग अवधारणा

लैंगिक मानदंड, भूमिकाएं और संबंध एक बच्चे की शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति को प्रभावित करते हैं. परिवार और समुदाय में लैंगिक भूमिकाएं और व्यवहार बच्चों के व्यक्तित्व को प्रभावित करते हैं.

सेक्स, पुरुषों और महिलाओं के बीच जैविक अंतर की पहचान करता है जबकि लिंग, पुरुषों और महिलाओं के बीच सामाजिक संबंधों की पहचान करता है. जैविक अंतर को साधरणतः मिटाया नहीं जा सकता लेकिन महिलाओं या पुरुषों के लिए गढ़ी गए मान्यताएं, जैसे ‘बाहर का लाम पुरुषों का है और घर का काम महिलाओं का है’, याथार्थ से परे होती हैं और बदली जा सकती हैं.

यही मान्यता दुकान में नित झाड़ू करने वाले पुरुष को घर में झाड़ू से दूर रखती है. कुछ लोग समझ नहीं पाते कि लैंगिक समानता से न केवल महिलाओं को अपितु पुरुषों को भी फायदा होता है और यह समाज एवं देश के लिए भी हितकर है.

लिंग समानता हेतु अभिभावकों की भूमिका–

  • बच्चों से, विद्यालय, परिवार और समुदाय में लड़के और लड़कियों की विभिन्न भूमिकाओं के बारे में, उनके विचारों और भावनाओं के बारे में बात करें.
  • लड़कों और लड़कियों को अपनी विशेष प्रतिभा विकसित करने के लिए सीखने के समान अवसर प्रदान करें.
  • सभी अलग-अलग परिवारिक कामों की सूची बनाएं. सुनिश्चित करें कि लड़के और लड़कियां इनमें समान जिम्मेदारियां साझा करते हैं.
  • पिताजी भी घर के काम और बच्चे के पालन-पोषण की जिम्मेदारी लें.
  • बच्चों को बताएं कि परिस्थिति और योग्यता में बदलाव के साथ भूमिकाएं भी बदलती रहती हैं

परवरिश सीजन – 1

बच्चों की बेहतर पालन-पोषण और अभिभावकों की जिम्मेदारियां (परवरिश -1)

बेहतर पालन-पोषण के लिए सकारात्मक सामाजिक नियम अनिवार्य और महत्वपूर्ण हैं (परवरिश-2)

पालन-पोषण की शैली (परवरिश-3)

बच्चों का स्वभाव (परवरिश-4)

अभिभावक – बाल संवाद (परवरिश-5)

उत्तम श्रवण कौशल (परवरिश-6)

तारीफ करना (परवरिश-7)

बच्चे दुर्व्यवहार क्यों करते हैं? (परवरिश-8)

मर्यादा निर्धारित करना, (परवरिश-9)

बच्चों को अनुशासित करने के सकारात्मक तरीके (परवरिश-10)

किशोरावस्था में भटकाव की संभावना ज्यादा होती ह, अतः बच्चों के दोस्तों के बारे में जानकारी अवश्य रखें (परवरिश-11)

भावनाओं पर नियंत्रण (परवरिश-12)

बच्चों की चिंतन प्रक्रिया और व्यवहार (परवरिश-13)

टालमटोल (बाल शिथिलता) और सफलता (परवरिश-14)

नशापान: प्रयोग से लत तक (परवरिश-15)

छेड़-छाड़ निवारण में अभिभावकों की भूमिका (परवरिश-16)

बच्चों का प्रेरणास्रोत (परवरिश-17)

बच्चों के उद्वेग का प्रबंधन (परवरिश-18)

बच्चों में समानता का भाव विकसित करना (परवरिश-19)

बच्चों की निगरानी (परवरिश-20)

स्थानीय पोषक खाद्य पदार्थ (परवरिश-21)

आपदा के समय बच्चों की परवरिश (परवरिश-22)

परवरिश सीजन – 2

विद्यालय के बाद का जीवन और अवसाद (परवरिश: अभिभावक से दोस्त तक-01)

किशोरों की थकान और निंद्रा (परवरिश: अभिभावक से दोस्त तक-02)

दोषारोपण बनाम समाधान (परवरिश: अभिभावक से दोस्त तक-03)

किशोरों में आत्महत्या की प्रवृति (परवरिश: अभिभावक से दोस्त तक-04)

पितृसत्ता और किशोरियों की परवरिश (परवरिश: अभिभावक से दोस्त तक-05)

किशोर-किशोरियों में शारीरिक परिवर्तन (परवरिश: अभिभावक से दोस्त तक-06)

“आंचल” परवरिश मार्गदर्शिका’ हर अभिभावक के लिए अपरिहार्य

 

 

 

 

Share this:

  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on X (Opens in new window)

Like this:

Like Loading...

Related

Tags: Jharkhand NewsJharkhand NewsranchiRanchi Newsबच्चों में समानता का भाव विकसित करना  (परवरिश-19)
Previous Post

पुलिस इंस्पेक्टर के द्वारा किया गया चेकनाका का निरीक्षण

Next Post

जान की परवाह किए बगैर आग में कूद कर विधायक ने बचाई हेमलाल की जान, घायल

bnnbharat.com

Next Post
जान की परवाह किए बगैर आग में कूद कर विधायक ने बचाई हेमलाल की जान, घायल

जान की परवाह किए बगैर आग में कूद कर विधायक ने बचाई हेमलाल की जान, घायल

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Trending
  • Comments
  • Latest
पत्रकारिता की अवधारणा, अर्थ एवं स्वरूप

पत्रकारिता की अवधारणा, अर्थ एवं स्वरूप

December 22, 2022
ब्रेकिंग: झारखंड में कोरोना पॉजिटिव चौथा मरीज सामने आया

ब्रेकिंग: झारखंड में कोरोना पॉजिटिव चौथा मरीज सामने आया

April 6, 2020
झारखण्ड में कोरोना वायरस का तीसरा मामला, बोकारो डीसी ने  की पुष्टि

झारखण्ड में कोरोना वायरस का तीसरा मामला, बोकारो डीसी ने की पुष्टि

April 5, 2020
राज्य के 5000 पारा शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को भेजा त्राहिमाम संदेश

राज्य के 5000 पारा शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को भेजा त्राहिमाम संदेश

April 6, 2020
मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिले सांसद अर्जुन मुंडा

मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिले सांसद अर्जुन मुंडा

0
शपथ ग्रहण से पहले PM मोदी ने महात्‍मा गांधी, अटल जी और शहीदों को दी श्रद्धांजलि

शपथ ग्रहण से पहले PM मोदी ने महात्‍मा गांधी, अटल जी और शहीदों को दी श्रद्धांजलि

0
शपथ ग्रहण के बाद PM मोदी का पहला ट्वीट, 'देश के विकास के लिए मिलकर काम करेंगे'

शपथ ग्रहण के बाद PM मोदी का पहला ट्वीट, ‘देश के विकास के लिए मिलकर काम करेंगे’

0
पीएम मोदी के मंत्रि‍मंडल में अम‍ित शाह समेत 24 कैबि‍नेट मंत्री बने, जानें किसे किसे म‍िला मौका

पीएम मोदी के मंत्रि‍मंडल में अम‍ित शाह समेत 24 कैबि‍नेट मंत्री बने, जानें किसे किसे म‍िला मौका

0
आज का इतिहास

8 दिसम्बर का इतिहास :आज का इतिहास

December 8, 2023
आज का इतिहास

7 दिसम्बर का इतिहास :आज का इतिहास

December 7, 2023
आज का इतिहास

6 दिसम्बर का इतिहास :आज का इतिहास

December 6, 2023
आज का इतिहास

5 दिसम्बर का इतिहास :आज का इतिहास

December 5, 2023

Recent News

आज का इतिहास

8 दिसम्बर का इतिहास :आज का इतिहास

December 8, 2023
आज का इतिहास

7 दिसम्बर का इतिहास :आज का इतिहास

December 7, 2023
आज का इतिहास

6 दिसम्बर का इतिहास :आज का इतिहास

December 6, 2023
आज का इतिहास

5 दिसम्बर का इतिहास :आज का इतिहास

December 5, 2023
  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact

© 2023 BNNBHARAT

No Result
View All Result
  • News
  • National
  • International
  • Politics
  • Today in History
  • Education
  • Sanatana
  • Health is Wealth

© 2023 BNNBHARAT

%d bloggers like this: