जमशेदपुर: एक तरफ कोरोना वायरस को लेकर लॉक डाउन है वहीं मानगो बस स्टैंड साहू होटल के पीछे छाया नगर के सेकड़ो परिवार को घर- घर राशन देने के नाम पर स्लिप मिला लेकिन आज तक राशन नहीं मिला. वहीं इन लोगों का कहना है बाबू हमें या तो काम पर जाने दो या राशन दो. धीरे- धीरे जमशेदपुर के स्लम ईलाकों से ऐसे आवाज उठने लगे हैं. ताजा मामला जमशेदपुर के सीतारामडेरा थाना क्षेत्र के मानगो बस स्टैंड के साहू होटल के पीछे का है जहां पीडीएस डीलरों की मनमानी के कारण दिहाड़ी मजदूर सोशल डिस्टेंसिग को भूल पेट की आग बुझाने के लिए सड़कों पर निकल पड़े हैं. वैसे इनका कहना है कि इनके द्वारा पूरी तरह से लॉक डाउन का पालन किया जा रहा है, लेकिन डीलर राशन के लिए कूपन काट गया है और लंगर लगा खिचड़ी बंटवा रहा है.
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इन मजदूरों ने लंगर के स्वच्छता पर भी सवाल उठाया और लंगर खाने से साफ इंकार कर दिया. हालांकि यह एक बस्ती का नहीं बल्कि कमोवेश शहर से सटे हर स्लम ईलाकों का है. सरकार और जिला प्रशासन भले ही दावा कर रही है, कि सरकार का खजाना अनाजों से भरा पड़ा है, लेकिन जमीनी हकीकत आप खुद देख लीजिए की क्या हो रहा है. ऐसे में आगले 10 दिन या उसके बाद की स्थिति क्या होगा जरा इसका भी अंदाजा आप लगा लीजिए.
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वैसे यह ईलाका राज्य के पूर्व मंत्री और वर्तमान में जमशेदपुर पश्चिम के निर्दलीय विधायक सरयू राय का है जहां सैकड़ों की संख्या में झुग्गी झोपड़ियां है, जहां हजारों दिहाड़ी मजदूर अपने परिवार के साथ रहते हैं. वैसे ईलाके की महिलाओं और जरूरतमंदों की भी सुनिए. इन लोगों का कहना है सरकार के साथ देने के लिए हमलोग नियम का पालन तो हम लोग कर रहे लेकिन सरकार की ओर से राशन देने की बात कह कर एक स्लिप मिला लेकिन अनाज नहीं मिला.