रांची: COVID-19 को लेकर झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कोरोना वायरस से ग्रसित मरीजों के आंकड़ों को छिपाने जैसा निर्देश रिम्स रांची और एमजीएम जमशेदपुर सहित सभी स्वास्थ केंद्रों को जारी किया जाना एक खतरनाक संकेत दे रहा है. इस निर्देश से प्रतीत होता है कि राज्य सरकार कोरोना के मरीजों के इलाज को लेकर तैयार ही नहीं है.
यह आशंका जताते हुए झारखंड भाजपा के मीडिया पैनिलिस्ट व वरिष्ठ भाजपा नेता अजय राय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा आंकड़े को दबाना कितना घातक हो सकता है इसका अंदाजा सरकार को नहीं है. मरीजों के आंकड़ों के आधार पर ही इस बीमारी के प्रसार का छेत्रवार डाटा तैयार होता है और इनके संक्रमण की दिशा में त्वरित कार्यवाही की जा सकती है.
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आकड़ो को तत्काल जारी नहीं किया जाना वैसे सभी सामाजिक संगठनों ,पुलिस, थानों ,ग्रामप्रधानों आदी को प्रभावित करेगा जो COVID-19 के विरूद्ध विस्वब्यापि युद्ध मे अपने को झोंके हुए है.
अजय राय ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के हस्ताक्षर से जारी निर्देश का हवाला देते हुए बताया कि ( पत्र की प्रति सलंग्न ) जहां इस प्रपत्र में रिम्स, एमजीएम जमशेदपुर सहित अन्य को दिए गए निर्देश में यह साफ तौर पर कहा गया है कि वो कोरोना से से संबंधित जानकारी सिर्फ सरकार को भेजे. मरीजों के जांच का परिणाम का उल्लेख सार्वजनिक तौर पर किसी भी मीडिया, प्रिंट मीडिया अथवा व्हाट्सएप पर नहीं देंगे.
विशेष तौर पर सिविल सर्जनों को कोरोना पॉजिटिव लिस्ट को गोपनीय रखे जाने का निर्देश
अजय राय ने कहा कि आंकड़े तत्काल सार्वजनिक नहीं होने से कोरोना पॉजिटिव मरीज से पिछले दिनों संपर्क में रह चुके लोग सजग नहीं होंगे और मरीज के पहचान के अभाव में लोगों को संक्रमित करते रहेंगे.
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राय ने आरोप लगाया कि तबलीकी जमात में जिस तरह पूरे राष्ट्र को संक्रमित कर दिया अब झारखंड सरकार भी इस पत्र को जारी कर तबलीकी जमात के नक्शे कदम पर चलने का काम सुरु कर चुकी है, जिसपर तत्काल रोक नहीं लगाई गई तो हालात भयावह होंगे. इससे इनकार नहीं किया जा सकता.