रांची: कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सरकारी स्तर पर हर तरह का प्रयास किया जा रहा है. लॉकडाउन लगा दिया गया है, जिससे कि लोग घरों से बाहर नहीं निकले और सुरक्षित अपने घरों पर रहे. पुलिस भी अपनी ओर से पूरी सख्ती बरत रही है ताकि कोई भी बेवजह सड़कों पर नहीं घूमे.
इधर रांची में कोरोना पाॅजिटिव मामला आने के बाद से ही राजधानी के अधिकांश गली-मोहल्लों के प्रवेश मार्ग को भी स्थानीय लोगों द्वारा बंद कर दिया गया है. पहले तो इस कार्य की प्रशंसा हुई पर कुछ लोगों द्वारा गली-मोहल्लों के प्रवेश मार्ग के बंद कर स्वयं ही लॉकडाउन का उल्लंघन किया जा रहा है.
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राजधानी के ज्यादातर मुहल्लों तथा गांव में प्रवेश के लिए मुख्य सड़क को बांस, बली और झाड़ियों से बंद कर दिया गया है. सड़क को बंद करने वाले युवाओं का कहना है कि बाहरी लोगों के आने से कोरोना के संक्रमण का प्रसार हो सकता है. इसलिए मुहल्ला अथवा गांव में प्रवेश बंद करने के लिए सड़क जाम कर दिया गया है. जब किसी प्रकार कुछ मोहल्लों के अंदर जाकर देखा गया तो भारी संख्या में लोग विशेषकर युवा गलियों में ही घूम व मस्ती कर रहे हैं.
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गली को बंद कर गली के अंदर ना तो लाॅकडाउन का पालन किया जा रहा है, और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का. युवाओं के अपने कानून का सबसे ज्यादा परेशानी वहां रहने वाले कामकाजी महिलाओं और बीमार बुजुर्गो को उठानी पड़ रही है. इस नियम से विभिन्न मोहल्लों में रहने वाले मेडिकल स्टाॅफ व अन्य आवश्यक व कोविड राहत कार्यो में लगे कर्मियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मुख्य प्रवेश के बंद रहने के कारण पुलिस भी गलियों में प्रवेश नहीं कर पा रही है. ऐसे में लोगों को स्वयं इस बात की पहल करनी चाहिए कि वो गलियों की तरह स्वयं को भी पूरी तरह लाॅक डाउन कर दें.