पाकिस्तान: बलोचिस्तान प्रांत में सोमवार को सरकारी अस्पतालों में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने रक्षात्मक उपकरणों की अनुपलब्धता के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
बाद में पुलिस की ज्यादती के खिलाफ चिकित्सकों ने काम के बहिष्कार की धमकी दी. कोरोना वायरस के मरीजों को इलाज कर रहे 13 डॉक्टरों के इस जानलेवा बीमारी से संक्रमित पाए जाने के बाद युवा डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मियों ने प्रांतीय राजधानी क्वेटा में प्रदर्शन का आह्वान किया था.
स्वास्थ्य कर्मियों की मांग थी कि अस्पतालों में रक्षात्मक उपकरण उपलब्ध कराए जाएं. क्वेटा के पुलिस प्रमुख अब्दुल रज्जाक चीमा ने इस बात की पुष्टि की कि प्रदर्शन के हिंसक रुख अख्तियार करने के बाद कुछ डॉक्टरों और पैरामेडिकल कर्मियों को हिरासत में लिया गया है. उन्होंने हालांकि हिरासत में लिए गए स्वास्थ्यकर्मियों की सटीक संख्या नहीं बताई.
संवाददाता सम्मेलन में यंग डॉक्टर्स एसोसिएशन, बलोचिस्तान के अध्यक्ष यासिर अचकजई ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने चिकित्साकर्मियों के लिए रक्षात्मक उपकरणों की मांग को लेकर क्वेटा में सिविल अस्पताल से मुख्यमंत्री सचिवालय तक विरोध मार्च निकाला.
अचकजई ने कहा कि पुलिस ने हम पर लाठी चार्ज किया और दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया. उन्होंने युवा डॉक्टरों द्वारा अस्पताल में सेवाओं का बहिष्कार किए जाने की भी घोषणा की. अचकजई ने कहा कि पुलिस की ज्यादती के बाद हमने हमारी सभी सेवाओं को स्थगित करने का फैसला लिया है.
बलोचिस्तान में कोरोना वायरस के अबतक 192 मामले सामने आए हैं. अचकजईअ ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में रक्षात्मक उपकरण अगर तत्काल उपलब्ध नहीं कराए गए तो स्थिति और बिगड़ सकती है. पाकिस्तान में कोरोना वायरस के कारण अबतक 52 लोगों की जान जा चुकी है.