रांची: हिन्दपीढ़ी में लगातार कोरोना के मामले आने से शहरवासी दहशत में हैं. हिंदपीढ़ी में पुलिस- प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. झारखंड का पहला कारोना संक्रमण का मामला 31 मार्च को उजागर हुआ था. यह महिला मलयेशियन थी और हिन्दपीढ़ी में एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 17 मार्च को दिल्ली से रांची पहुंची थी. इसके संक्रमण के पुष्टि के उपरांत जिला प्रशासन ने काफी तेजी से इस दिशा में काम करते हुए 48 घंटा के अंदर उन सभी लोगों को चिन्हित कर लिया जो उक्त महिला के संपर्क में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रुप से आये थे. ऐसे सभी लोगों की टेस्ट भी पांच दिनों के अंदर करा ली गई. हालांकि इनमें लगभग सभी लोगों का कोरोना टैस्ट रिपोर्ट निगेटिव आया लेकिन 6 अप्रैल को हिन्दपीढ़ी से रांची के लिए दूसरा और राज्य के लिए तीसरा पाॅजिटिव मामला आया जो इस महिला से किसी भी प्रकार से संपर्क में नहीं आयी थी.
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हालांकि अब भी प्रशासन इस बात को नहीं बता पाया है कि इस महिला को कोराना का संक्रमण किस माध्यम से हुआ. हालांकि अब रांची जिला प्रशासन उन लोगों को चिन्हित कर टेस्ट करा रहा है तो इस दूसरी महिला के संपर्क में आये हैं. सबसे पहले इनके परिवार वालों की जांच की गई और परिवार के सदस्यों की जांच रिपोर्ट आने के बाद प्रशासन के होश उड़े और रांचीवासियों की नींद. जांच रिपोर्ट में उक्त महिला के परिवार के अन्य पांच लोगों का कोराना टैस्ट रिपोर्ट पाॅजिटिव आया है. इस प्रकार अब तक राज्य में कुल 13 कोरोना संक्रमण के मामलों की पुष्टि हो चुकी हैं, जिनमें 7 लोग हिन्दपीढ़ी के ही रहने वाले हैं.
हालांकि 10 दिनों बाद भी प्रशासन यह स्पष्ट नहीं कर सकी है कि दूसरी महिला के संक्रमण का क्या आधार है. अब प्रशासन की ओर से यह संभावना जतायी जा रही है कि इन्हें या तो डायलेसिस सेंटर से अथवा हिन्दपीढ़ी के गलियों से ही परिवार के किसी सदस्य के माध्यम से संक्रमण हुआ हो. यह दोनों ही संभावनाएं रांची जिला प्रशासन के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं. हालांकि हिन्दपीढ़ी क्षेत्र को पूरी तरह सील कर लोगों के सेंपल लिये जा रहे हैं, लेकिन सेंपल कलेक्शन की रफ्तार काफी धीमी है.
इस बाबत रांची के सीविल सर्जन ने कहा कि हमारी टीम वहां मौजूद है पर लोग अपना सेंपल ही नहीं देना चाह रहे हैं. ऐसे में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अब हिन्दपीढ़ी से सात मामलों के सामने आने व कई लोगों के सेंपल की रिपोर्ट पेंडिंग रहने के बाद न सिर्फ रांचीवासियों बल्कि राज्य सरकार की निगाहें भी हिन्दपीढ़ी पे टीकी हुई है. जानकारों के अनुसार इतने संक्रमण के बाद अब हिन्दपीढ़ी से संक्रमण के और मामले और तेजी से सामने आ सकते हैं.