गुजरात(अहमदाबाद): लॉकडाउन के कारण गुजरात के सूरत में फंसे सैकड़ों प्रवासी मजदूरों ने शुक्रवार की रात तोड़फोड़ की और वाहनों को आग के हवाले कर दिया. एक अधिकारी ने बताया कि प्रवासी मजदूर अपने घर लौटने के लिए इंतजाम करने की मांग कर रहे हैं और अपना बकाया भुगतान भी जल्द दिए जाने की मांग कर रहे हैं. दरअसल, लॉकडाउन के कारण बड़ी संख्या में मजदूर देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे हुए हैं.
लॉकडाउन से परेशान सैकड़ों प्रवासी मजदूर शुक्रवार देर रात उग्र हो उठे और सड़कों पर खड़े वाहनों को आग के हवाले कर दिया. उन्होंने जरूरी सामान ले जा रहे ट्रकों में तोड़फोड़ की. हालांकि, हालात पर काबू पा लिया गया है और आगजनी करने के आरोप में कई प्रवासी मजदूरों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है.
लॉकडाउन के कारण कल-कारखाने बंद हो गए हैं और इस कारण प्रवासी मजदूरों के पास कोई काम नहीं है. उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. इस कारण वे घर लौटने के लिए इंतजाम करने की मांग कर रहे हैं. संक्रमण के खतरे को देखते हुए ट्रेन, बस और विमान सेवाएं 14 अप्रैल तक स्थगित कर दी गई हैं और मौजूदा हालात को देखते हुए आगे भी इन सेवाओं को स्थगित रखा जा सकता है। हालांकि, अभी इसको लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है.
गुजरात में कोरोना वायरस के 378 मामले सामने आ चुके हैं. पिछले 24 घंटे में राज्य में 116 मामले सामने आए हैं. जबकि इस वायरस के संक्रमण के कारण 19 लोगों की मौत भी हुई है. वहीं, देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 7000 से अधिक हो चुकी है. पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना के 1035 नए केस सामने आए हैं जिसके बाद कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 7447 हो गई है. जबकि देशभर में कोरोना वायरस के कारण 239 लोगों की मौत हुई है.