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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जुड़े
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मुख्यमंत्री ने राज्य में कोरोना वायरस के ताजा हालात और इस संक्रमण से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों से प्रधानमंत्री को अवगत कराया
- हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री से राज्य सरकार की रणनीति, समस्याएं और केंद्र सरकार से अपेक्षाओं को लेकर अपनी बातें स्पष्टता से रखी
रांची: पूरे देश में कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग के बीच आज शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 15 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर ताजा हालात की जानकारी ली. राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए झारखंड मंत्रालय से इस बैठक में सम्मिलित हुए. प्रधानमंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों से उनके राज्यों में लॉकडाउन की स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने कोरोना संक्रमण के खिलाफ किए गए अभी तक के इंतजामों और किए जा रहे कार्यों को जाना. वीडियो कांफ्रेंसिंग में गृह मंत्री अमित शाह भी उपस्थित थे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी बात रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष कहा कि कोरोना महामारी संकट के दो आयामों पर राज्य सरकार काम कर रही है. पहला आयाम सामाजिक सुरक्षा और दूसरा आयाम जीवन की रक्षा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पर हम लोगों ने काम प्रारंभ कर दिया है और राज्य के हर पंचायत स्तर पर किचन की व्यवस्था कर लगभग सभी घरों में गर्म खाना और सूखा राशन उपलब्ध करा रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 3 टेस्टिंग केंद्र कार्यरत हैं जिसमें अभी तक 1681 टेस्ट किए जा चुके हैं जिसमें से 17 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. रांची के दो अस्पतालों को COVID अस्पताल घोषित किया गया है जिसमें लगभग 160 बेड की व्यवस्था की गई है. मुख्यमंत्री ने बताया कि डेढ़ लाख मजदूर दूसरे राज्यों से झारखंड आए हैं उनकी स्क्रीनिंग कर आवश्यकतानुसार उन्हें क्वॉरेंटाइन में रखा गया है.
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मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राज्य की कुछ समस्याओं से भी अवगत कराया
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 300 वेंटीलेटर, 10,000 टेस्टिंग किट तथा 1 लाख रैपिड टेस्टिंग किट ICMR/ भारत सरकार के लोक उपक्रम से उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है, परंतु यह अभी तक प्राप्त नहीं हो सका है. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वे इसको संज्ञान में लेते हुए उक्त सामग्रियों को उपलब्ध कराएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में दूध उत्पादक एवं सब्जी उगाने वाले किसान लॉकडाउन के कारण गंभीर आर्थिक संकट में आ गए हैं.
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से कुछ अपेक्षाएं भी रखी
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि झारखंड आदिवासी एवं दलित बाहुल्य राज्य है जो की आबादी का लगभग 40% है. लॉकडाउन के कारण राज्य सरकार की आर्थिक स्थिति दबाव में है. उन्होंने कहा कि लॉक डाउन के कारण राज्य सरकार के अपने राजस्व स्रोत बंद हो गए हैं. केंद्र सरकार से भी वांछित मदों में राशि प्राप्त नहीं हो पा रही है.
लोक उपक्रमों के बकाया राशि का भुगतान पर पहल करने का आग्रह
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के लोक उपक्रमों द्वारा भी बकाया राशि का भुगतान राज्य सरकार को नहीं किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने लोक उपक्रम सीसीएल, बीसीसीएल, सेल इत्यादि का बकाया भुगतान जल्द से जल्द उपलब्ध कराने के लिए पहल करने का आग्रह प्रधानमंत्री से किया. मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि राज्य सरकार द्वारा ऋण प्राप्त करने की जो सीमा GSDP के 3% तक सीमित है उसे बढ़ाकर 5% किया जाए ताकि राजस्व में संभावित कमी को कुछ हद तक पूरा किया जा सके. साथ ही साथ मुख्यमंत्री द्वारा यह भी अनुरोध किया गया कि राज्य सरकार द्वारा प्रतिमाह इनके मूलधन की किस्त तथा सूद का भुगतान किया जाता है उस पर मोरेटोरियम (MORATORIUM) लगाया जाए तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए ऋण पर देय सूद की राशि को भी माफ करने की भी कार्रवाई की जाए. वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए ऋण पर लगने वाले ब्याज को भी माफ किया जाए.
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GR Grant उपलब्ध कराने का अनुरोध
हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि रिलीफ कोड में प्रति वयस्क ₹60 का GR Grant का प्रावधान है. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि रिलीफ कोड के अनुसार आपदा की घड़ी में प्रत्येक वयस्क नागरिक को 60 रूपया प्रतिदिन के हिसाब से GR का भुगतान किया जाता है परंतु कोविड-19 के संदर्भ में इस राशि के भुगतान की स्वीकृति भारत सरकार से नहीं प्राप्त हुई है. अतः अनुरोध है कि आपदा की इस घड़ी में GR Grant के अनुरूप भुगतान की स्वीकृति प्रदान की जाए.
मुख्यमंत्री ने राज्य में मनरेगा मजदूरी को ₹300 किए जाने का आग्रह किया
हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री के समक्ष कहा कि देश में मनरेगा मजदूरी दर झारखंड में सबसे कम है. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि मनरेगा मजदूरी दर को बढ़ाकर ₹300 किया जाए. मुख्यमंत्री ने अपनी बात रखते हुए कहा कि लॉकडाउन समाप्त होने के पश्चात लगभग साढे पांच लाख मजदूरों के वापस झारखंड लौटने की संभावना है. इनके झारखंड लौटने के बाद राज्य सरकार को उन्हें क्वॉरेंटाइन करने तथा रोजगार उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार से मदद की आवश्यकता पड़ेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में मेरा अनुरोध है कि हमें पर्याप्त संख्या में टेंट शौचालय निर्माण के लिए पारा मिलिट्री जैसे संस्थानों से तकनीकी सहयोग को उपलब्ध कराया जाए. साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत निर्धारित कार्य दिवस की सीमा को बढ़ाया जाए ताकि वापस झारखंड लोटे मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके. मुख्यमंत्री ने इस बात से भी अवगत कराया कि रोजगार उपलब्ध ना होने की स्थिति में विधि व्यवस्था एवं सामाजिक तनाव की स्थिति राज्य में उत्पन्न हो सकती है.
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स्वयंसेवी संस्थानों का मिला सहयोग
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि राज्य के JSLPS के कर्मचारी, एनजीओ एवं स्वयं सहायता समूह के लोगों ने कोरना संक्रमण की इस विकट परिस्थिति में बहुत अच्छे कार्य किए हैं. ऐसे समूहों द्वारा किचन बनाकर प्रतिदिन लगभग 6 लाख से अधिक लोगों को खाना खिलाया जा रहा है इससे गरीबों को बहुत सहायता हुई है.
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हर हाल में हो इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने किराना दुकान, पीडीएस दुकान, सब्जी मार्केट इत्यादि में टाइम बॉन्डिंग को लेकर चिंता जताई है. इस पर मैं अवगत कराना चाहता हूं कि राज्य सरकार द्वारा इन सभी क्षेत्रों में 24 घंटे दुकान खोलने का निर्देश दिया गया है जिससे भीड़ कम रहे और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन हो सके. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में रबी फसलों के कटाई का कार्य सोशल डिस्टेंसिंग के साथ किया जाए इस पर भी सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है.
सर्वदलीय बैठक भी आयोजित की गई
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वदलीय बैठक आयोजित कर धार्मिक और सामाजिक समरसता को आपसी समन्वय से अक्षुण्ण बनाए रखने की अपील की गई है.
आरोग्य सेतु एप्प का इस्तेमाल अधिक से अधिक करने पर राज्य सरकार दे रही है जोर
मुख्यमंत्री ने यह भी अवगत कराया कि आरोग्य सेतु एप्प अधिक से अधिक लोग अपने मोबाइल पर डाउनलोड करें इस पर भी राज्य सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है. लोगों को आरोग्य सेतु एप्प को लेकर जागरूक किया जा रहा है.
झारखंड राज्य को आवश्यक आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएं
अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि हम यह मानते हैं कि केंद्र सरकार भी आर्थिक दबाव में है लेकिन एक आदिवासी एवं दलित बाहुल्य राज्य होने के कारण हमारी अपेक्षा है कि केंद्र सरकार इन वर्गों की पीड़ा और तकलीफ को समझेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड राज्य को आवश्यक आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएं जाएं ताकि इन गरीबों के जीवन एवं जीविका की रक्षा की जा सके. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया कि इस संकट की घड़ी में राज्य के नेतृत्वकर्ता के रूप में मुझे अपनी बातों को रखने का मौका दिया गया.
वीडियो कांफ्रेंसिंग के अवसर पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी, डीजीपी एम वी राव, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपालजी तिवारी, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद, मुख्यमंत्री के वरीय आप्त सचिव सुनील श्रीवास्तव उपस्थित थे.