रांची: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि कोरोना संक्रमण के भीषण महामारी वाले काल में भी हेमंत सरकार राजनीति और वोट बैंक की सोच से ऊपर नहीं उठ पा रही हैं. उन्होंने कहा कि कल हिंदपीढ़ी में आधी रात को अपनी जान की बाजी लगाकर 3 कोरोना संक्रमितों को अस्पताल पहुंचाने गई. रांची पुलिस और स्वास्थ्य कर्मियों की टीम को न सिर्फ घेरा गया बल्कि उनसे बदसलूकी भी की गयी. आज दिन में भी कई बार हिंदपीढ़ी में लोगों ने कर्फ्यू तोड़कर प्रदर्शन किया और पुलिस तमाशाबीन बनी रही.
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इसके पहले भी यहां कर्फ्यू उल्लंघन के अनेक मामले सामने आ चुके हैं लेकिन सरकार के दबाव में पुलिस ने कार्यवाई नहीं की है. इसके उलट मंत्री आलमगीर आलम लॉकडाउन का उल्लंघन तोड़वा कर सैकड़ों लोगों को अवैध रूप से दूसरे जिलों में भेजते हैं. कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ लेकिन कोरोना संक्रमित की लाश को रिहायशी इलाके में दफन करने का विरोध कर रहे दर्जनों लोगों पर नामजद और सैकड़ों अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज होता है.
एंबुलेंस पर पत्थर बरसाने वाले लोगों और पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ने वाले लोगों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं होती है लेकिन सोशल मीडिया में कार्टून डालने वालों को पुलिस जेल भेज देती है. इन मामलों में पुलिस की तेजी साफ दिखा रही है कि वह राज्य सरकार के इशारे पर लोगों के चेहरे और नाम देखकर मुकदमे दर्ज कर रही हैं.
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प्रतुल ने कहा कि जितनी तेजी पुलिस सोशल मीडिया में मुकदमे दर्ज करने में दिखा रही है अगर उतनी ही तेजी वह हिंदपीढ़ी में लॉकडाउन के अनुपालन में दिखाती तो आज वह क्षेत्र हॉटस्पॉट नहीं बनता. प्रतुल ने कहा कि अभी तक मस्जिदों में विदेशियों को संरक्षण देने वाले लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. रांची निगम नगर निगम कर्मियों पर हुए बहुचर्चित थूंकने वाली घटना पर दर्ज प्राथमिकी को भी सरकार ने ठंडे बस्ते में डलवा दिया है. राज्य सरकार को चाहिए कि वह इन अति विषम परिस्थितियों में अपने दायित्व का निर्वाह कर रही पुलिस को निष्पक्षता से कार्य करने दे और पुलिस को भी राजनीतिक आकाओं का मोहरा नहीं बनना चाहिए.