रांची: भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी और प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर राज्य में लागू किये गए लॉकडाउन को कड़ाई से पालन कराने का आग्रह किया है.
नेताद्वय ने आग्रह किया है कि कोरोना महामारी की गंभीरता को समझते हुए राज्य सरकार कोरोना प्रभावित सभी क्षेत्रों में बिना भेदभाव के कठोरता पूर्वक लॉकडाउन के नियमों का पालन कराएं, ताकि राज्य में महामारी का फैलाव नियंत्रित रहे और आमजन सुरक्षित हों.
नेताओं ने राज्यपाल से यह आग्रह किया कि इस संबंध में राज्य सरकार को निर्देशित करने की कृपा की जाये. कहा गया कि विश्वव्यापी कोरोना संकट से अपना देश भारत भी अछूता नहीं है. यद्यपि प्रधानमंत्री के सार्थक पहल एवं देशव्यापी लॉकडाउन के कारण यह महामारी अन्य देशों की तुलना भारत में बहुत हद तक नियंत्रित है.
जहां तक झारखंड प्रदेश की बात है तो यह राज्य के सीमित क्षेत्रों में ही प्रभावी दिख रहा है. 3-4 जिलों में इसके संक्रमित मरीज अबतक मिले हैं. प्रभावित मरीजों की जांच में फैलाव के कारण स्पष्ट झलक रहे हैं.
केंद्र सरकार के हर संभव मदद के बावजूद राज्य सरकार में इस गंभीर संकट से निपटने के लिये दृढ़ इच्छाशक्ति का अभाव स्पष्ट झलक रहा है. हेमंत सरकार की मंशा महामारी से लड़ने की नहीं बल्कि तुष्टिकरण की है.
रांची स्थित हिंदपीढ़ी क्षेत्र हॉटस्पॉट में तब्दील हो चुका है. जहां राज्य के 27 में से 13 मरीज चिन्हित हुए है. एक की मौत भी हो चुकी है. परंतु क्या कारण है कि यहां लॉकडाउन का माखौल उड़ रहा है. कोरोना योद्धाओं को रोज अपमानित होना पड़ रहा है. सेवा कर्मियों पर थूका जा रहा है. चिन्हित मरीज को अस्पताल ले जाने पर हंगामा हो रहा है.
सैंपल कलेक्शन और सैनिटाइजर छिड़कने में भी सेवा कर्मियों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा. दुर्भाग्यपूर्ण बात तो यह है कि इस क्षेत्र में नियमों के अनुपालन कराने हेतु पदाधिकारी भी मजहब विशेष के ही प्रतिनियुक्त है.
लॉकडाउन के उल्लंघन पर प्राथमिकी दर्ज करने में भी सरकारी तंत्र द्वारा भेद भाव किये जा रहे है. कोरोना प्रभावित मृतक के अंतिम संस्कार के गाइड लाइन निर्धारित होने के बावजूद प्रशासन दबाव में उलझ रहा है.