रांची: युवा जदयू के प्रदेश प्रवक्ता सागर कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार, स्कूल प्रबंधन व प्रशासनिक अधिकारियों के आदेश से अभिभावक वर्ग काफ़ी परेशान व भ्रमित है. उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के मद्देनजर पूरे देश में 15 मई तक सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश पूर्व में ही केंद्र सरकार के द्वारा दिया गया था.
वर्तमान में झारखण्ड सरकार ने भी 3 मई तक सभी स्कूल, कॉलेज व कोचिंग संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया है और साथ ही राज्य सरकार के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने सभी निजी स्कूलों से पत्र लिखकर लॉकडाउन की अवधि के स्कूल फ़ीस को माफ करने अथवा नहीं लेने को कहा है.
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राज्य सरकार के इस आदेश के आलोक में विभिन्न जिलों के उपायुक्तों को द्वारा भी निजी स्कूल प्रबंधन को पत्र लिख कर फ़ीस माफ करने का आग्रह किया गया है. वहीं बावजूद इसके दूसरी ओर निजी स्कूल प्रबंधन व सीबीएसई स्कूलों के संगठन सर्वोदय द्वारा यह कहना है कि स्कूल प्रबंधन अपने दैनिक वेतन कर्मियों, शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों के वेतन भुगतान में असमर्थ है अर्थात सक्षम अभिभावक गण फ़ीस जमा कर सकते है, जो असमर्थ है वह बाद में जमा कर सकते हैं, उनपर कोई दबाव नहीं है.
प्रधामनंत्री नरेंद्र मोदी ने यह आग्रह किया है कि हर कोई यह सुनिश्चित करे कि उनके यहां कार्यरत कर्मियों को समय पर वेतन मिले, शिक्षकों को वेतन, ट्रांसपोर्ट हेतु स्कूलों के द्वारा लिए गये बस के रोड टैक्स और मासिक क़िस्त भुगतान वर्तमान में स्कूल के लिए सिरदर्द बन गया है. ऐसे में निजी स्कूल प्रबंधन भी फ़ीस लेने के लिए मजबूर है. वह करे भी तो क्या करें. कुछ स्कूलों ने ऑनलाइन माध्यम से विद्यार्थियों के बीच पुनः पाठ्यक्रम को प्रारंभ किया है तो कुछ अभी इस ओर अग्रसर है. उन्होंने राज्य सरकार से स्कूल फ़ीस देना है अथवा नहीं, इस विषय पर जल्द स्पष्ट निर्देश जारी करने का आग्रह किया है.