चतरा: लॉकडाउन के दौरान चतरा जिले के कई जंगलों में इन दिनों भीषण आग लगी हुई है. इससे न सिर्फ जंगलों को नुकसान हो रहा है, बल्कि पर्यावरण को हो रहे नुकसान के अलावा जंगली जानवरों को भी काफी क्षति पहुंच रही है. देश में कोरोना वायरस की तपिश बढ़ने के साथ साथ चतरा जिला के जंगलों में आग की लपटें भी तेज हो रही है.
अब सरकार के सामने कोरोना के साथ आग के प्रसार को रोकने की भी चुनौती आ गई है. दरअसल एक जंगली फल महुआ का सीजन आते ही चतरा के जंगलों में प्रत्येक वर्ष आग लगती है, जिससे पेड़ पौधों को भारी नुकसान होता है.
बताया जाता है कि महुआ का सीजन आने के बाद लोग महुआ चुनने के लिए पेड़ के आसपास आग लगाकर सफाई करते हैं, परंतु लापरवाही के कारण यह आग पूरे जंगल में फैल जाती है, जिससे जंगल को भारी नुकसान होता है.
चतरा के जंगलों में काफी संख्या में महुआ के पेड़ पाए जाते हैं. ऐसे में पेड़ के आसपास की सफाई के लिए ग्रामीण पत्तों में आग तो लगाते हैं, परंतु उस आग को बुझाने का प्रयास नहीं करते. ऐसे में जंगलों में आग फैल जाती है और यह पर्यावरण तथा पशु- पक्षियों के लिए भारी नुकसान का कारण बन रहा है. यह सिलसिला वर्षों से बदस्तूर जारी है.