नई दिल्ली: कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जनता का अपार समर्थन मिल रहा है. एक सर्वे में पाया गया है कि कोविड-19 की महामारी से निपटने के लिए सरकार की कोशिशों में लोगों का यकीन बरकरार है. यही नहीं लोगों के अनुमोदन रेटिंग में बढ़ोतरी जारी है.
गवर्नमेंट इंडेक्स के लिहाज से देखें तो मौजूदा वक्त में 93.5 फीसद लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार कोरोना के प्रकोप को थामने के लिए प्रभावी ढ़ंग से काम कर रही है और इस महामारी को वह बेहतर तरीके से निपट लेगी.
महामारी के प्रकोप को बेहतर तरीके से निपट लेगी मोदी सरकार
गवर्नमेंट इंडेक्स के लिहाज से देखें तो 93.5 फीसदी लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार कोविड-19 महामारी के प्रकोप को बेहतर तरीके से निपट लेगी.
सरकार महामारी की रोकथाम के लिए अच्छा काम कर रही है. सर्वे में पाया गया कि लॉकडाउन के पहले दिन सरकार के कदमों पर यकीन रखने वालों की संख्या 76.8 फीसद थी, लेकिन जैसे जैसे वक्त बीतता गया 21 अप्रैल तक यह आंकड़ा बढ़कर 93.5 फीसद पहुंच गया है. यानी कहा जा सकता है कि 93.5 फीसद लोगों का मानना है कि केंद्र सरकार महामारी से बेहतर तरीके से निपट रही है और इसे बखूबी निपट लेगी.
समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना खिलाफ लड़ाई में पिछले एक महीने में तैयारी का सूचकांक तेजी से बढ़ा है. हालांकि, आत्मसंतुष्टि का सूचकांक नीचे चला गया है. हालांकि महामारी से निपटने के सरकारों की कोशिशों में लोगों का यकीन बरकरार है.
कोरोना वॉरियर्स का हौसला बढ़ाने के लिए दो बार जनता से अपील
मालूम हो कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बीते दिनों पीएम मोदी ने कोरोना वॉरियर्स का हौसला बढ़ाने के लिए दो बार जनता से अपील की थी. उनकी अपील पर लोगों ने 22 मार्च को ताली, थाली और घंटे बजाए थे जबकि दूसरी बार पांच अप्रैल को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए मोमबत्तियां, टॉर्च, फ्लैश लाइटें जलाए थे.
16 मार्च से 20 अप्रैल के बीच किए गए इस सर्वे में एक और खास बात पता चली है. पाया गया है कि भविष्य की योजना बनाने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है. तैयारी का सूचकांक में पाया गया है कि लोग राशन और दवाइयों की खरीद के लिए अलग से धन रख रहे हैं.
तीन हफ्ते से अधिक समय तक के राशन और दवाओं का स्टॉक
सर्वे में 20 अप्रैल तक 42.9 फीसद उत्तरदाताओं ने बताया है कि उन्होंने तीन हफ्ते से अधिक समय तक के राशन और दवाओं का स्टॉक किया है. वहीं 56.9 फीसद लोगों ने बताया कि उन्होंने दो हफ्ते से कम का स्टॉक किया है. सर्वे में एक हफ्ते से भी कम समय के लिए तैयारी करने वालों की संख्या केवल 12.1 फीसद है. इस सर्वे का सैम्पल साइज 4,718 लोगों का था.
सर्वे में पाया गया कि 16 मार्च को तीन हफ्ते से कम राशन रखने वाले लोगों की संख्या 90 फीसद थी. तीन हफ्ते से अधिक राशन किसी के पास नहीं था. हालांकि अप्रैल में लॉकडाउन के बढ़ाए जाने के एलान के बाद लगभग हर दिन राशन और दवा का स्टॉक करने वालों की संख्या बढ़ रही है.
इंडेक्स ऑफ पैनिक के लिहाज से देखें तो 41.1 फीसद को लगता है कि उनके परिवार में किसी को भी यह बीमारी हो सकती है. वहीं, 56.3 फीसद उत्तरदाताओं का कहना है कि उन्हें या उनके परिजनों को यह वायरस प्रभावित नहीं करेगा. हालांकि ये आंकड़े 20 अप्रैल तक के हैं. सर्वे की शुरुआत में पाया गया कि महज 35.1 फीसद लोगों को लगता था कि उन्हें संक्रमण हो सकता है.