रामगढ़: अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनावे, आप सबों की उपस्थिति हमारे लिए गौरव की बात होगी. इस तरह की लाइनें शायद कुछ वर्षों तक न पढ़ने मिले और न सुनने को. कई समारोह, शादी – व्याह के मौके पर उक्त वाक्य बरबस पढ़ने – सुनने को मिलते रहें है. कोरोना जैसे महामारी ने मानवीय जीवन में ऐसा उथल – पुथल मचा दिया है कि इससे पूर्णरूपेण उबर पाने में लम्बा समय लग जायेगा. आज ऐसी स्थिति बन गई है कि लोग एक दूसरे से मिलने से कतरा रहें हैं, लोग भयाक्रांत हैं.
यह वायरस है ही ऐसा कि मानव को मानव से सावधान रहना ही बेहतर माना जा रहा है. हालांकि लॉकडाउन की अंतिम तारीख को कुछ ही दिन शेष हैं. लॉकडाउन तय तारीख को खुल जायेगा, इसपर संशय बरकरार है चुंकि कोरोना के आंकड़े बढ़ते ही जा रहे है. उधर साधारण लोगों की मानसिक व आर्थिक सहनशक्ति भी जवाब दे रही है.
कहना गलत नहीं होगा कि लॉकडाउन का निर्णय सही समय पर लेकर हजारों जिंदगियों को बचाने में जरूर कामयाब रहें हैं. अब जो वक्त चल रहा है, उसमे निज सुरक्षा के लिए मानव को एक दूसरे से दूरी बनाये रखना ही नितांत आवश्यक हो गया है. लम्बे समय तक लोग इकट्ठा होने की सोचेंगे भी नहीं, चाहे शादी – व्याह हो अथवा कोई अन्य समारोह हो .
—-संतोष सिन्हा