दुमका: झारखंड प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री लुईस मरांडी ने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में पिछले चार माह से चल रही महागठबंधन सरकार पर विपक्षी के कार्यों में बाधा डालने पर कड़ा ऐतराज जताते हुए राज्य सरकार को दुर्भावना से ग्रसित होकर कार्य करने से परहेज करने की सलाह दी है.
डॉक्टर मरांडी ने आज यहां आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार दुर्भावना से ग्रसित होकर उपराजधानी दुमका की घोर उपेक्षा कर रहीं हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य की मुख्य विपक्षी दल को मानवीय संवेदनाओं के अनुरूप जनसेवा का कार्य करने पर रोक लगाकर नैतिक मूल्यों को निभाने को दरकिनार कर निरंकुश होकर कार्य कर रही है.
उन्होंने कहा कि इस विपदा की घड़ी में देश के प्रायः सभी राज्य सरकारें रणनीति बनाकर यु़द्ध स्तर पर कोरोना से बचाव के अभियान में लगी हुई है. वहीं झारखण्ड सरकार अभी तक इससे लड़ने एवं रोकथाम के लिए कोई ठोस योजना नहीं बना पाई है.
लॉकडाउन के 28 वें दिन ट्विटर पर चलने वाली इस सरकार के मुखिया के फेसबुक अकाउन्ट से एक हास्यासपद बयान आता है ’’ राज्य में क्वारंटाइन सेंटर पर रूके लोगों तक हम स्वादिष्ट भोजन पहुंचाने को प्रयासरत हैं.
दीदी किचन का भी महिमा मंडन किया जा रहा है जिसकी पोल स्वयं उनके ही सहयोगी मंत्री द्वारा इन योजनाओं में व्यापक भ्रष्टाचार की पोल खोली गयी है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सर्वविदित है कि दीदियों को जरूरी सामग्री ही उपलब्ध नहीं करायी जा रही है, जिससे वह जरुरतमंद लोगों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध करा सकें.
इस संकट की घड़ी में घटिया किस्म का खाना परोसा जा रहा है और लाभुकों की संख्यां में ऑकड़ों की बाजीगरी से जनता को भरमाने का प्रयास किया जा है तथा गरीबों की गरीबी का परिहास किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि सरकार के मुखिया का कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गयी तैयारी पर अभी तक कोई बयान नहीं आना आश्चर्यजनक और दुखद है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पिछले एक महीने से हिंदपीढ़ी से बाहर कुछ सोच ही नहीं पा रही. रोजाना राज्य में बढ़ती संक्रमितों की संख्या आज 55 पार कर गयी है, जो काफी चिंताजनक है.
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लॉकडाउन अवधि में लोगों के जीवन को सरलता प्रदान करने के लिए जितनी सुविधाएं दी जानी थी लगातार दी जा रही है. केन्द्र सरकार के साथ-साथ राज्य की मुख्य विपक्षी दल भाजपा के कार्यकर्ताओं एवं अन्य समाजिक संस्थाओं द्वारा भी मोदी आहार के तहत खाद्यान्न एवं अन्य जरूरत कर सामग्री का वितरण किया जा रहा है और जरूरतमंद लोगों जिससे आम गरीबों को इसका लाभ मिल भी रहा हैं.
लेकिन खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि राज्य सरकार अपनी योजनाओं में व्याप्त खामियों को दूर करने के बजाए इस विपदा की घड़ी में ओछी राजनीति करने से बाज नहीं आ रही. जहां संपूर्ण राज्य में सामाजिक समन्वय स्थापित कर इस संक्रमण काल में जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है.
वहीं दुमका जिले के लिए राज्य के मुखिया ने अलग ही कानून बना रखा है. भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से मोदी आहार के लगभग 6000 पैकेट वितरण किये जाने से भूखे गरीब बेसहारा लोग राहत महसूस कर रहे थे.