थाईलैंड: लॉकडाउन के कारण सभी विमान सेवाएं बंद होने की वजह से हजारों लोग जहां-तहां फंसे हैं. लोगों का दर्द भी निकलकर सामने आने लगा है. थाईलैंड में भी सैकड़ों भारतीय फंसे हैं, जो घर वापसी के लिए बेसब्री से सरकारी मदद का इंतजार कर रहे हैं. ये लोग लगातार सोशल मीडिया, फोन और ई-मेल के जरिए सरकार से घर वापसी की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. फुकेत में प्रशिक्षण लेने गए भारतीय तैराक सजन प्रकाश भी फंसे हुए हैं.
थाईलैंड घूमने गए उदयराज बताते हैं कि मार्च के आखिर में वे आए थे और तभी लॉकडाउन हो गया जिसके कारण वे यहां फंस गए. वे कहते हैं, विदेश में सीमित बजट में रहना बहुत मुश्किल है.
पिछले एक महीने से एक कमरे में कैद हूं, पर अब अपने घर जाना चाहता हूं और परिवार की देखभाल करना चाहता हूं. वे कहते हैं कि मैं अपने घर में अकेला कमाने वाला हूं और इस कठिन दौर में मुझे मेरे परिवार के पास होना चाहिए, ये मेरा अधिकार है. मैं मधुमेह रोगी भी हूं और यहां रहना मेरे लिए अधिक खतरनाक है, क्योंकि नियमित दवाएं मिलना भी मुश्किल है. वे कहते हैं कि मुझे इस बात की चिंता सता रही है कि वायरस ने अगर हमें बख्श भी दिया तो चिंता और तनाव से हम नहीं बच पाएंगे.
स्कूल, कॉलेज और दूसरे प्रतिष्ठान बंद होने से लोगों की नौकरियां भी जाने लगी हैं. लॉकडाउन के कारण फंसे लोग अब घर वापस आना चाहते हैं और हर कोई सरकार से गुहार लगाने में जुटा है लेकिन अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद होने के कारण, तीन मई तक ऐसे लोगों की घर वापसी मुश्किल है. लोग सरकार से पूछ रहे हैं कि उन्हें यहां से कब निकाला जाएगा.
थाईलैंड में नौकरी करने वाले राजेंद्र कुमार बताते हैं कि मेरी पत्नी और तीन साल की बच्ची है. नौकरी चली गई गई है. इसी महीने घर खाली करना है क्योंकि अभी मेरे पास दूसरी नौकरी और आमदनी का कोई दूसरा जरिया नहीं है. लोग अपने पैसे से होटल में क्वारंटीन हैं, लेकिन ऐसे कब तक रहेंगे. सरकार फंसे हुए लोगों को जल्द निकालना शुरु करे.