नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए मास्क और गमछा पहनने पर बल देते हुए रविवार को कहा कि लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की आदत छोड़नी होगी.
मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम ‘मन की बात’ के दूसरे खंड की 11 वीं कड़ी में देशवासियों को संबोधित करते हुुए कहा कि किसी भी स्थान पर थूकना एक बड़ी समस्या बना हुआ है और यह स्वच्छता और स्वास्थ्य को गंभीर चुनौती दे रहा है. लोगों में अब इस बुराई के प्रति जागरुकता आ रही है और सार्वजनिक स्थलों पर थूकने की बुरी आदत को छोड़ना होगा.
उन्हाेंने कहा, ” समाज में एक और बड़ी जागरूकता यह आयी है कि अब सभी लोग ये समझ रहे हैं कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकने के क्या नुकसान हो सकते हैं. यहां-वहां, कहीं पर भी थूक देना, गलत आदतों का हिस्सा बना हुआ था. ये स्वच्छता और स्वास्थ्य को गंभीर चुनौती भी देता था.” उन्होेंने कहा कि लोग इस समस्या को जानते हैं लेकिन यह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है.
मोदी ने कहा, ” अब समय आ गया है कि इस बुरी आदत को, हमेशा-हमेशा के लिए ख़त्म कर दिया जाए. देर भले ही हो गई हो, लेकिन, अब, ये थूकने की आदत छोड़ देनी चाहिए. ये बातें जहां मूलभूत स्वच्छता का स्तर बढ़ाएंगी, वहीं, कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में भी मदद करेगी.”
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड -19 के कारण कई सकारात्मक बदलाव आयें हैं. ये काम करने के तरीके, जीवन-शैली और आदतों में भी स्वाभाविक रूप से जगह बना रहे हैं. मास्क पहनना और अपने चेहरे को ढ़ककर रखना आदत में शामिल हो रहा है. उन्होंने कहा, ” मास्क को लेकर धारणा अब बदलने वाली ही है. मास्क अब सभ्य-समाज का प्रतीक बन जायेगा. अगर, बीमारी से खुद को बचाना है, और, दूसरों को भी बचाना है, तो, आपको मास्क लगाना पड़ेगा और मेरा तो आसान सुझाव रहता है – गमछा, मुंह ढ़कना है.”