Prem Anand,
जर्मन तानाशाह हिटलर एवं उसकी पत्नी इवा ब्राउन ने 30 अप्रैल, 1945 को आत्महत्या की थी. हिटलर ने आत्महत्या करने से पहले कहा था- मैं मर जाऊं, तो मेरा शरीर जला देना. हिटलर ईसाई था. ईसाई लाश को दफनाते हैं. जलाते नहीं हैं. असल में हिटलर को डर था कि उसकी लाश को कब्र से खोदकर निकाल लिया जाएगा. और उसकी लाश पर लोग अपना गुस्सा उतारेंगे.
हिटलर ने अपने बंकर में खुद को गोली मार ली थी. हिटलर के एक बॉडीगार्ड रोशस मिस्क ने किताब लिखी थी- हिटलर्स लास्ट विटनेस: द मेमॉइर्स ऑफ हिटलर्स बॉडीगार्ड. ये किताब 2013 में आई थी. आइये आपको बताते है उस दृश्य के बारे में जब हिटलर और उसकी पत्नी ने आत्महत्या क्र ली थी.
किताब के मुताबिक, जब बर्लिन के चारों तरफ सोवियत का घेरा हो गया था. सोवियत ने पूरी तरह से नाकेबंदी कर दी थी. जर्मनी इसे तोड़ नहीं पा रहा था. जब सोवियत सेना आगे बढ़ने लगी, तब हिटलर ने खुद को अपने उस बंकर में बंद कर लिया. 30 अप्रैल को तड़के सुबह हिटलर को बताया गया कि अगर आज कामयाबी नहीं मिली, तो बहुत बुरा होगा. सेना का गोला-बारूद खत्म हो जाएगा.
हिटलर ने कहा,
लाल सेना (सोवियत की रेड आर्मी) के मोर्चे पर उसे तोड़ने की कोशिश करो.
ये हिटलर की आखिरी उम्मीद थी.
किताब के मुताबिक, बंकर में हर कोई नर्वस था. सब घबराये हुए थे. किसी को नहीं पता था कि आगे क्या होगा. तभी स्टडी रूम के अंदर से आवाज आई. बंकर में मौजूद बाकी लोगों ने कहा कि उन्हें कमरे के अंदर गोली चलने की आवाज सुनाई दी थी. हिटलर के प्राइवेट सेक्रटरी ने कहा कि हम स्टडी रूम का दरवाजा खोलेंगे.
हिटलर के बॉडी गार्ड ने लिखा है- मेरी नजर सबसे पहले इवा पर पड़ी. वो बैठी हुई थी. गहरे नीले रंग की ड्रेस. उसके ऊपर सफेद झालरें. उसने अपने पैर मोड़कर घुटनों को सीने से चिपकाया हुआ था. उसका सिर हिटलर की तरफ झुका हुआ था.
उसके जूते सोफे के नीचे पड़े थे. इवा के पास, एकदम नजदीक ही पड़ा था हिटलर. उसकी आंखें खुली हुई थीं. वो घूर रहा था. माथा कुछ आगे की तरफ लुढ़का हुआ था.