अमेरिका: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक बार फिर दोहराया कि कोरोना वायरस के प्रकोप के लिए चीन पर अतिरिक्त शुल्क लगाना ‘निश्चित रूप से एक विकल्प’ है. ट्रंप ने यह बयान एक सवाल के जवाब में दिया जिसमें उन्होंने कोरोना वायरस के प्रसार के लिए सजा के रूप में चीन पर शुल्क लगाने का संकेत दिया था.
ट्रंप ने कहा, ‘यह निश्चित तौर पर एक विकल्प है. हम देखेंगे की क्या होता है. चीन को लेकर बहुत सारी चीजें हो रही हैं. जो हुआ है उसे लेकर हम बिलकुल खुश नहीं हैं. दुनिया के 182 देशों में बुरी स्थिति है. लेकिन हम उसके बारे में बहुत कुछ कहेंगे.’
एक इंटरव्यू के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने चीन पर कोविड-19 को लेकर पारदर्शी न होने का आरोप लगाया था. पोम्पियो ने कहा, ‘उन्होंने दावा किया है कि वे पारदर्शी रहे हैं लेकिन निश्चित रूप से, कम से कम एक या दो दिन पहले, हमारे पास वास्तव में वायरस का एक नमूना भी नहीं था. हम अभी भी यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि जोखिम का दायरा कितना है.’
पोम्पियो ने कहा कि चीन ने दावा किया है कि उसे नहीं पता कोरोना वायरस कहां से आया है. लेकिन चीन के अंदर जिन्होंने वायरस के बारे में बोलने की कोशिश की उन्हें पहुंच से वंचित कर दिया गया.
उन्होंने बताया कि वायरस के बारे में बोलने वालो से कहा गया कि इस बारे में बात मत करो. चुप रहो. चीन ने शुरुआत में ही इसपर चर्चा करनी बंद कर दी थी.
विदेश मंत्री ने कहा, ‘इस तरह से साझेदार, विश्वसनीय साथी काम नहीं करते हैं. विश्वसनीय साथी जानकारी साझा करते हैं. मुश्किल के समय साथ आते हैं. वे यह सुनिश्चित करते हैं कि हर कोई समझ सके कि यह कैसे हुआ. हम केवल इसकी ही मांग कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हम आशा करते हैं कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी दुनिया को यह समझने की अनुमति देने के लिए रास्ता साफ करेगी कि कैसे यह वायरस चीन के वुहान से बाहर निकला और दुनिया भर में फैल गया. हमें इस प्रकोप को लेकर जिम्मेदारी और जवाबदेही चाहिए.’