खूंटी: कोरोना के मद्देनजर लॉकडाउन की 3.0 चरण ने यहां वहां फंसे झारखण्ड के मजदूरों को परेशानी में डाल दिया है. मामला तमिलनाडू में फंसे 18 मजदूरों का है, जिसमें रांची जिले के बेड़ो थाना क्षेत्र के दूरू गाँव के छह मजदूर हैं और खूंटी जिला के कर्रा थाना क्षेत्र के घुनसुली घासीबारी और दिवरी के 11 मजदूर शामिल हैं.
दोनों जिलों के 18 मजदूर पिछले एक साल से तमिलनाडू के श्रीवैकुंदम थाना क्षेत्र के देवेंचीपुरम के क्रेशर खदान में कार्यरत हैं.
मजदूरों के अनुसार वे लगातार झारखण्ड आने की कोशिश करते रहे लेकिन कहीं से कोई बात नहीं बनी। अब जब केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को अपने राज्यों के मजदूरों और छात्रों की वापसी की जिम्मेदारी सौंपी है तो ऐसे में राज्य के बाहर के इलाकों में फंसे मजदूर झारखण्ड सरकार से वापस आने की मिन्नत कर रहे हैं.
खूंटी और रांची के 18 मजदूरों में इंदर कुमार, विष्णु लोहार, गोण्डा उरांव, गोंडा मुंडा, रंथू लोहरा, सोमरा होरो, अनिल लकड़ा, संदीप होरो, बूतन होरो, शैलेश लोहरा और रांची जिला के बेड़ो थाना क्षेत्र के दूरू गांव के प्रेम उरांव, सुकेश उरांव, राम उरांव, छोति उरांव, अजय कुमार और शिवा लोहरा शामिल हैं.