चतरा: कोविड-19 व कोरोना के संक्रमण से उत्पन्न वैश्विक महामारी को लेकर सम्पूर्ण भारत में लॉक डाउन निरंतर बढ़ता जा रहा है. इसके साथ ही पिछले कई दिनों से लोग अपने अपने घरों में कैद रहने के लिए बाध्य हैं तथा उनके काम-धंधे भी पूरी तरह से ठप्प है. हालांकि केंद्र व राज्य सरकार और जिला प्रशासन इस हालात से उबरने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही.
ऐसे में कई संस्था गरीब-गुरबों की चिंता करते हुए उन्हें भोजन व राशन आदि भी मुहैया कराने का हर सम्भव प्रयास कर रही है. इधर होटल के साथ-साथ ठेले खोमचे तक बन्द हो जाने तथा मानवीय भूल के कारण भी सड़क पर विचरण करने वाले बेजुबान जानवरों यथा गाय, कुत्तों व पक्षियों के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है.
अमूमन ऐसे में चतरा की सामाजिक संस्था मारवाड़ी युवा मंच द्वारा इस लॉक डाउन की अवधि में जिले के सुदूरवर्ती इलाकों में निवास करने वाले उन तमाम गरीब व असहाय लोगों के घरों की दहलीज तक पहुंचकर निरंतर राशन पानी व भोजन आदि उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
वही मंच के कई सदस्यों की टीम द्वारा शहर के चौक चौराहों व गलियों में भूखे फिरते बेजुबान जानवरों को भी भोजन व दाना-पानी देकर उन्हें राहत प्रदान करने की कवायद शुरू की गई है. मंच के सदस्यों समेत परिवारजनों द्वारा अपने-अपने घरों के छत पर प्रतिदिन पक्षियों को भी उनके भोजन पानी की भी व्यवस्था की जा रही है.
दूसरी ओर मारवाड़ी युवा मंच चतरा शाखा के सचिव राजीव कुमार जैन व मंच के सदस्यों ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि लॉक डाउन जैसी विषम परिस्थिति में हम सभी तन मन धन व निस्वार्थ भाव से गरीबों व पशु-पक्षियों की सेवा में निरंतर लगे हैं तथा सदस्यों के अलावा हमारे परिवार की महिलाएं भी इस सेवा कार्य में अपना सहर्ष हाथ बंटा रही है. उन्होंने बताया कि यह कार्य आगे भी निरंतर जारी रखने का प्रयास किया जा रहा है.
इधर अपने-अपने घरों से निकल कर इस अभियान में अपनी भागीदारी निभा रही दर्जनों महिलाओं के चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान है और गरीबों के लिए सजाई गई यह अस्थाई रसोईघर में उनके लिए विभिन्न प्रकार के व्यंजन आदि तैयार करते हुए एक अलग ही सुकून महसूस कर रही है. इस मौके पर खासकर सभी लोग अपने चेहरे पर मास्क पहने है, महिलाएं सोशल डिस्टेंस का भी पूरी तरह से ख्याल रख रही है तथा इस अभियान में शरीक ये सभी महिलाएं बेहद प्रसन्नचित्त मुद्रा में नजर आ रही है.
इस मौके पर सुदूरवर्ती इलाकों में निवास करने वाले ग्रामीण महिलाएं, बच्चे व बूढ़े सभी निरीह प्राणी मंच के हाथों भोजन आदि प्राप्त कर बेहद खुश नजर आ रहे हैं.