Super Moon: आज चांद का आकार अधिक बड़ा और चमकीला दिखाई देगा. क्योंकि 07 मई को साल का आखिरी सुपरमून दिखाई देने वाला है. इस दिन चांद धरती के सबसे करब होते है.
इस दूरी को विज्ञान की भाषा में एपोजी कहा जाता है. वहीं, जब चंद्रमा और पृथ्वी सूरज का चक्कर लगाते हुए एक-दूसरे से सबसे करीब आ जाते हैं, तब इनके बीच की दूरी 3,56,500 किमी होती है.
गौरतलब है कि खगोल विज्ञान में साल में पृथ्वी के सबसे करीब रहने वाले चांद को सुपरमून कहा जाता है. 25 नवंबर 2034 को भी एक्स्ट्रा सुपरमून की स्थिति बनेगी, लेकिन यह 6 दिसंबर 2052 को यह 3 लाख 56 हजार 425 किमी पर रहकर सबसे करीब होगा।
26 जनवरी 1948 को चंद्रमा 3 लाख 56 हजार 509 किमी दूर रहा था
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क्या है पेरिजी
जिस दिन और जिस समय चांद और धरती एक-दूसरे के सबसे करीब होते हैं, यानी पेरिजी में होते हैं, उसी दिन सुपरमून दिखाई देता है. सुपरमून को सुपर फ्लावर मून भी कहा जाता है. चांद पृथ्वी के सबसे करीब होने के कारण वह ज्यादा चमकीला और ज्यादा बड़ा दिखाई देता है. 7 मई के बाद आप सुपर पिंक मून को 27 अप्रैल 2021 में देख पायेंगे. नासा के अनुसार, सुपर फ्लावर मून भारतीय समयानुसार गुरुवार 7 मई की शाम 4.15 बजे अपने पूर्ण प्रभाव में दिखाई देगा. इसे पेरिजी कहते हैं.