रांची: इन दिनों हर कोई इस बात के तह में जाना चाहता है कि पिछले शुक्रवार को रांची की सड़कों पर आखिर क्या हुआ था? दरअसल, उस दिन प्राचीन शहर में दोपहर से रात तक तीन अलग-अलग घटनाएं हुईं थी और तीनों घटनाएं आपस में एक दूसरे से जुड़ी हुई थी.
सभा के बाद लौट रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शहर में जमकर उत्पात मचाया था. मॉब लिंचिंग का विरोध करने निकली अल्प समुदाय की भीड़ देर रात तक हंगामा करती रही. हंगामा इस कदर बरपा था की राजधानी की प्रमुख सड़कें अराजक तत्वों के कब्जे में रही.
इसी दौरान पत्थरबाजी की गई और कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया. इसी हंगामे में CIT इंजीनियरिंग कॉलेज की बस इस भीड़ में फंस गई, जिसमे भी तोड़-फोड़ और आग लगाने की कोशिश की गई थी.
इस बस में 50 छात्र अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा देकर डोरंडा कॉलेज से टाटीसिलवे स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज लौट रहे थे. गनीमत रही की कुछ वृद्ध और प्रबुद्धजनों के प्रयास से बड़ी और अप्रिय घटना होते-होते टल गई।
इस घटना के तुरंत बाद रांची के एयरपोर्ट रोड पर कुछ हिन्दू संगठन के लोगों ने एक मुस्लिम लड़के की पकड़कर पिटाई कर दी इसके बाद देर रात भीड़ द्वारा रांची के एकरा मस्जिद के पास चाकूबाजी भी की गई, जिसमे एक व्यक्ति गम्भीर रूप से घायल हो गया.
उसका इलाज रांची के मेडिका हॉस्पिटल में चल रहा है. काफी मशक्कत के बाद पुलिस द्वारा भीड़ पर काबू पाया गया.
आपको बता दें की सरायकेला मॉब लिंचिंग के विरोध में जुम्मे की नमाज के बाद एक आक्रोश सभा का आयोजन उर्स मैदान डोरंडा में किया गया था, जिसमें सैकड़ों की संख्या में एक धर्म विशेष के लोग शामिल हुए थे. पुलिस ने शांति भंग करने, तोड़फोड़ और सरकारी काम में बाधा पहुचाने के आरोप में लोअर बाजार थाना में एफआईआर दर्ज किया गया, जिसमें 33 लोगों को नामजद और 300 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया. पुलिस सभी आरोपी की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है.

