BnnBharat | bnnbharat.com |
  • समाचार
  • झारखंड
  • बिहार
  • राष्ट्रीय
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • औषधि
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी करेंट अफेयर्स
  • स्वास्थ्य
No Result
View All Result
  • समाचार
  • झारखंड
  • बिहार
  • राष्ट्रीय
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • औषधि
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी करेंट अफेयर्स
  • स्वास्थ्य
No Result
View All Result
BnnBharat | bnnbharat.com |
No Result
View All Result
  • समाचार
  • झारखंड
  • बिहार
  • राष्ट्रीय
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • औषधि
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी करेंट अफेयर्स
  • स्वास्थ्य

महागठबंधन में उठापटक, सीट शेयरिंग पर अलग-अलग सुर

by bnnbharat.com
July 6, 2019
in समाचार
महागठबंधन में उठापटक, सीट शेयरिंग पर अलग-अलग सुर
Share on FacebookShare on Twitter

लोकसभा चुनाव में परास्त होने के बाद विपक्षी महागठबंधन संभलता नहीं दिख रहा है। सभी दल अलग-अलग सुर अलाप रहे हैं। स्थिति इतनी विकट है कि चुनाव के बाद विपक्षी महागठबंधन में शामिल दल आपस में बैठक तक नहीं कर पाए। अलबत्ता सभी दलों ने अलग-अलग बैठकें कर एक-दूसरे पर हार का ठीकरा जरूर फोड़ा। कांग्र्रेस में उठापटक ज्यादा मची। खाता खुलने के बावजूद प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने इस्तीफे की पेशकश की। उनपर गुटों में बंटे नेताओं ने इसके लिए दबाव भी बनाया।

अभी भी कांग्र्रेस इससे उबरा नहीं है। उधर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने शीर्ष कमेटियों की मैराथन बैठकें की। इससे पूर्व झारखंड मुक्ति मोर्चा ने यह संदेश देने की भी कोशिश की कि उसके कैडरों का वोट ट्रांसफर हुआ लेकिन अन्य विपक्षी दल उनके उम्मीदवारों को वोट ट्रांसफर नहीं करा पाए। अलबत्ता झारखंड मुक्ति मोर्चा के भितरखाने यह आवाज उठी है कि विधानसभा चुनाव अलग होकर लड़ा जाए, लेकिन झारखंड मुक्ति मोर्चा  के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन इसके पक्ष में नहीं हैं।

वे तालमेल कर चुनाव लडऩे के पक्षधर हैं और सीटों के बंटवारे को लेकर आशावान भी। हेमंत सोरेन विपक्षी दलों की संयुक्त समिति के प्रमुख भी हैं। उन्होंने दावा किया था कि जून के अंतिम सप्ताह में सभी विपक्षी दल आपस में बैठकर सीट शेयरिंग पर बातचीत करेंगे। यह डेडलाइन बीत चुका है। इसकी गुंजाइश भी फिलहाल बनती नहीं दिख रही है। झारखंड मुक्ति मोर्चा विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीटों पर दावेदारी करेगा।

पार्टी की दावेदारी लगभग 40 सीटों पर होगी। देखना यह होगा कि विपक्षी धड़े के अन्य दल उसकी इस मांग को कहां तक मानते हैं? कांग्र्रेस इसके लिए आलाकमान के भरोसे हैं तो बाबूलाल मरांडी की झारखंड विकास मोर्चा काफी आसान से हेमंत सोरेन का दावा मानने से रही। ऐसे में विपक्षी महागठबंधन के बीच तालमेल की राह में परेशानी आएगी।

झारखंड मुक्ति मोर्चा की सबसे ज्यादा आस कांग्र्रेस से है क्योंकि लोकसभा चुनाव के पूर्व विपक्षी महागठबंधन का ढांचा तैयार करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। खुद कांग्र्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी खासे सक्रिय रहे। बदली राजनीतिक परिस्थिति में कांग्र्रेस आलाकमान में ही उथल-पुथल मचा हुआ है। ऐसे में झारखंड के मसले पर पार्टी कितनी गंभीर होगी, यह देखना है। फिलहाल आपसी लड़ाई में उलझी कांग्र्रेस के नेता एक-दूसरे का विरोध करने में जुटे हैं। यह भी कयास लगाया जा रहा है कि कुछ वरीय नेता पार्टी छोड़ सकते हैं। ऐसे में सीट शेयि‍ग पर फिलहाल पार्टी कुछ ज्यादा करने की स्थिति में नहीं है।

Posted By:- Beena Rai

Share this:

  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on X (Opens in new window)

Like this:

Like Loading...

Related

Previous Post

उत्‍तर प्रदेश में 22 आईपीएस अधिकारियों के तबादले

Next Post

दिल्ली में निर्भया जैसी दरिंदगी

Next Post
दिल्ली में निर्भया जैसी दरिंदगी

दिल्ली में निर्भया जैसी दरिंदगी

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

  • Privacy Policy
  • Admin
  • Advertise with Us
  • Contact Us

© 2025 BNNBHARAT

No Result
View All Result
  • समाचार
  • झारखंड
  • बिहार
  • राष्ट्रीय
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • औषधि
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी करेंट अफेयर्स
  • स्वास्थ्य

© 2025 BNNBHARAT

%d