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चीन से बस्ता समेटने को हैं अमेरिकी दिग्गज कंपनियां

by bnnbharat.com
July 5, 2019
in समाचार
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नई दिल्ली, 5 जुलाई: अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध का एक और नतीजा सामने आया है। इचपी इंक, डेल, माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन जैसी तकनीकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां चीन से पर्याप्त उत्पादन क्षमता को स्थानांतरित करने का विचार कर रही हैं। गुरुवार को निक्केई एशियन रिव्यू में आई रिपोर्ट के अनुसार, चीन के चोंगकिंग और कुशान शहर में नोटबुक चलाने वाली एचपी और डेल दोनों कंपनियां अपने उत्पादन का 30 फीसदी देश के बाहर ले जाना चाहती हैं। इस दिशा में माइक्रोसॉफ्ट एक्सबॉक्स गेमिंग उत्पादन ढांचे को स्थानांतरित कर सकता है, जबकि अमेजन अपने जलाने और ध्वनि उत्पादों को स्थानांतरित कर सकती है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अन्य कंप्यूटर निर्माताओं जैसे लेनेवो ग्रुप, एसर और अस्सिटेक भी चीन के बाहर उत्पादन का पता लगा रहे हैं। इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में बढ़ती लागत भी उत्पादन निर्माताओं को विकल्प तलाशने को मजबूर कर रही है।

गौरतलब है कि एप्पल कंपनी पहले ही चीन से अपने स्मार्टफोन उत्पादन का 30 फीसदी तक स्थानांतरित करने के विकल्प पर विचार कर रही है।

चीन वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा कंप्यूटर व स्मार्टफोन उत्पादक देश है। निक्केई की रिपोर्ट में कहा गया है कि फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी व इन्वेंटेक ने चीन से कुछ उत्पादन को ताइवान और मैक्सिको जैसे अन्य देशों में स्थानांतरित कर दिया है।

अब अमेजन और निन्टेंडो कथित तौर पर वियतनाम को एक विकल्प के तौर पर तलाश रहे हैं, जबकि माइक्रोसॉफ्ट थाईलैंड के साथ ही इंडोनेशिया पर नजर गड़ाए हुए हैं।

हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि चीन के साथ चल रहे व्यापार युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत पहले से ही शुरू हो चुकी है और आगे का रास्ता कांटों से भरा है।

ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ओसाका में हाल ही में जी-20 की बैठक में अमेरिकी कंपनियों को चीनी तकनीकी दिग्गज हुआवेई को उत्पाद बेचने की अनुमति पर सहमति जताई है।

ट्रंप ने शी के साथ मुलाकात 32.5 करोड़ डॉलर मूल्य के चीनी आयातों पर 10 से 25 प्रतिशत के बीच सीमा शुल्क लगाने की धमकी दी थी।

ईएफई की न्यूज रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका अपने सीमा शुल्क को 250 अरब डॉलर के चीनी सामान पर रख रहा है और बीजिंग अपने प्रतिशोधी सीमा शुल्क को 110 अरब अमेरिकी डॉलर के आयात पर बनाए रख रहा है।

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