Know The Truth

28 दिसम्बर का इतिहास :आज का इतिहास

28 दिसम्बर को भारत और विश्व में घटी महत्वपूर्ण घटनाओं का विवरण । मराठा शासक शिवाजी के पुत्र संभाजी “1668” में की मुग़ल शासक औरंगजेब द्वारा कैद करके यातना देने के कारण मौत हो गयी.किंग ताकसिन “1767” में थाईलैंड के राजा बने तथा उन्होंने

दुष्ट योगी का वध और राजा को भगवान शिव का दर्शन : विक्रम बेताल की अंतिम कहानी

चौबीस बार लगातार अथक प्रयास करने के बाद, आखिरकार राजा विक्रमादित्य शव को श्मशान ले जाने में कामयाब हो जाते हैं और बेताल शव को त्याग देता है। आगे जानिए क्या हुआ जब राजा विक्रमादित्य शव को लेकर योगी के पास पहुंचे। राजा विक्रमादित्य और

27 दिसम्बर का इतिहास : आज का इतिहास

27 दिसम्बर को भारत और विश्व में घटी महत्वपूर्ण घटनाओं का विवरण । कलकत्ता (अब कोलकाता) में “1861” में पहली बार चाय की सार्वजनिक बोली संपन्न हुई.“जन गण मन”, भारत का राष्ट्रगान “1911” में प्रथम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन

रिश्ता क्या हुआ? रानी चडवती और बेटी लावण्यवती की कहानी : विक्रम और बेताल – 24

किसका पुण्य बड़ा? युवती और चमत्कारी कुंड की कथा सुनाने के बाद बेताल उड़कर पुनः वृक्ष के निकट पहुँच चुका था। कड़ी मेहनत के बाद राजा विक्रमादित्य ने एक बार फिर बेताल को पकड़ लिया। वह उसे अपने कंधे पर लादकर श्मशान की ओर ले चले,ऐसे में एक बार

किसका पुण्य बड़ा? युवती और चमत्कारी कुंड की कथा : विक्रम और बेताल – 23

रात के अंधेरे और घने जंगल में कुछ देर भटकने के बाद राजा विक्रमादित्य ने फिर से बेताल को अपनी पकड़ में ले लिया। बेताल ने हर बार की तरह कहानी सुनाने और सवालों का सिलसिला जारी रखा। बेताल ने कहानी सुनाना शुरू किया…. एक समय की बात है,

सबसे बड़ा मूर्ख कौन था ? चार भाइयों की कथा: विक्रम और बेताल – 22

सबसे ज्यादा प्रेम में अंधा कौन था? कहानी सुनाने के बाद बेताल उड़कर पुनः वृक्ष के निकट पहुँच चुका था। कड़ी मेहनत के बाद राजा विक्रमादित्य ने एक बार फिर बेताल को पकड़ लिया। वह उसे अपने कंधे पर लादकर श्मशान की ओर ले चले,ऐसे में एक बार फिर

सबसे ज्यादा प्रेम में अंधा कौन था? अनंगमंजरी, कमलाकर और मणिवर्मा की कहानी : विक्रम और बेताल – 21

सम्राट विक्रमादित्य ने योगी को दिए वचन को पूरा करने के लिए एक बार फिर बेताल को पेड़ से उतारकर अपने कंधे पर बैठा दिया। इसके बाद वह योगी के पास चल दिए। रास्ता तय करने के लिए बेताल ने एक नई कहानी शुरू की। बेताल बोला… बहुत समय पहले की बात

बालक क्यों हंसा? विक्रम और बेताल – 20

पिण्ड दान का अधिकारी कौन? कहानी सुनाने के बाद बेताल उड़कर पुनः वृक्ष के निकट पहुँच चुका था। कड़ी मेहनत के बाद राजा विक्रमादित्य ने एक बार फिर बेताल को पकड़ लिया। वह उसे अपने कंधे पर लादकर श्मशान की ओर ले चले,ऐसे में एक बार फिर बेताल राजा

पिण्ड दान का अधिकारी कौन? : विधवा भागवती और उसकी बेटी धनवंती की कथा: विक्रम और बेताल – 19

ब्राह्मण कुमार की कथा सुनाने के बाद बेताल उड़कर पुनः वृक्ष के निकट पहुँच चुका था। कड़ी मेहनत के बाद राजा विक्रमादित्य ने एक बार फिर बेताल को पकड़ लिया। वह उसे अपने कंधे पर लादकर श्मशान की ओर ले चले,ऐसे में एक बार फिर बेताल राजा विक्रम को

ब्राह्मण कुमार की कथा : विक्रम और बेताल – 18

बेताल का पीछा करते हुए राजा विक्रामादित्य शिशपा वृक्ष के पास पहुंचे और किसी तरह बेताल को अपने कंधे पर उठाकर आगे बढ़ने लगे। पहले की तरह ही बेताल रास्ता बड़ा होने की वजह से राजन को कहानी सुनाने लगता है। बेताल कहता है… सालों पहले की बात