झारखंड : प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना झारखंड के कई इलाकों में गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही है. एक तरफ राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में अब तक मात्र 300 मरीजों का ही इलाज आयुष्मान भारत योजना से किया गया है वहीं झारखंड के कुछ अस्पतालों ने आयुष्मान भारत योजना को मिशन मोड में जमीन पर उतारने की पूरी कोशिश की है. इसी का एक उदाहरण है मुरी स्थित सिंगपुर नर्सिंग होम, जहां हर दिन आयुष्मान योजना का लाभ कोई न कोई मरीज को मिलता है. जिन मरीजों के आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाए हैं, वैसे मरीजों का कार्ड अस्पताल में ही बनवाने की अलग से व्यवस्था की गई है. अस्पताल के मुख्य डॉक्टर रमणीश प्रसाद ने बताया कि यहां दूर दूर से मरीज आते है, झारखंड से बाहर के मरीज भी अपने इलाज के लिए यहां पहुंचते हैं.
जब से आयुष्मान योजना की शुरुवात की गई है लोगों की भीड़ अस्पतालों में बढ़ गयी है. देश के कुछ अस्पतालों ने अधिक से अधिक मरीजों का इलाज कर आयुष्मान योजना में कीर्तिमान बनाया है. मूरी का सिंगपुर नर्सिंग होम भी इसका एक उदाहरण है जहां अब तक तीन हजार से ज्यादा मरीजों का इलाज आयुष्मान योजना के तहत किया गया है. सिंगपुर नर्सिंग होम आयुष्मान कार्ड से इलाज के मामले में राज्य में पांचवे स्थान पर है.
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यहां जेनरल मेडिसिन जैसे बुखार, चमकी बुखार, पेट दर्द, दस्त के साथ ही जेनरल सर्जरी के मरीज भी पहुंचते हैं.G.B स्टोन, यूरोलॉजी, दुर्घटनाग्रस्त होने पर हड्डियों का ऑपेरशन, लैप एपेन्डिक्स और लैप्रोस्कोपी के सभी तरह के ऑपेरशन किये जाते हैं.
यहां के डॉक्टर और नर्स पूरी तरह सेवा भावना से गरीबों का इलाज करते हैं. मरीजों के लिए साफ सुथरे बेड और ICU की बेहतर व्यवस्था के कारण अब गरीब से गरीब मरीज भी अच्छे प्राइवेट अस्पतालों के रुख करने लगे हैं. घुटना, कमर, कूल्हे का ऑपेरशन समेत अन्य गंभीर बीमारियों के साथ साथ दुर्घटना के शिकार मरीजों का इलाज भी नर्सिंग होम में बेहतर सुविधा और सेवा भावना के साथ किया जाता है.