सुपौल: नेपाल से आने वाली खांरो नदी के कहर से अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे निर्मली अनुमंडल के कुनोली, डगमारा ,कमलपुर सहित दर्जनों गांवों के लोग बाढ़ की विभीषिका झेलने को मजबूर हैं.
कोसी नदी के जलस्तर में थोड़ी सी गिरावट जरुर आई है लेकिन खांरो सहित अन्य नदियों उफान पर है. निर्मली अनुमंडल के कुनौली डगमारा और कमलपुर पंचायत में नेपाल से आने वाली खांरो नदी फिर कहर बरपाने लगी है. पूरा इलाका जलमग्न हो गया है लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. खेती बाड़ी से लेकर सड़क और घरों में बाढ़ का पानी लोगों का जीना मुहाल कर दिया है.
मालूम हो कि नेपाल से निकलने वाली खांरो नदी इस इलाके से गुजरती है. लेकिन भारतीय हि्स्से में बांध नहीं होने के कारण हर साल इस इलाके को जलमग्न कर देती है. खास बात ये है कि सीमावर्ती क्षेत्र से गुजरने वाली इस नदी के कोप से बचने के लिए बहुत पहले भारतीय क्षेत्र में बांध हुआ करता था जिससे इसका पानी भारतीय क्षेत्र को नुकसान नहीं पहुचाती थी.
लेकिन पिछले सात वर्ष पहले ये बांध टूट गया था जिसके बाद भारतीय प्रशासनिक अधिकारी के द्वारा उक्त बांध बनाने की कोशिश की गई. लेकिन नेपाल पुलिस और नेपाली लोगों के विरोध के कारण इस बांध की मरम्मत नहीं हो सकी. नतीजा यह है कि अब नेपाली खांरो नदी का सारा पानी भारतीय क्षेत्र में घुस कर हर साल तबाही मचा रही है. बावजूद इस दिशा में सरकार और प्रशासन मौन है.
मुखिया सत्य नारायण रजक ने बताया कि यहां तीन नदियों का मिलन खांरो, जिता एवं बलान का मिलन होता है.इसे बिडम्बना कहें या हाल के दिनों में नेपाल से बदलते रिश्ते.कुनौली में बांध की मरम्मत नहीं होने से हर साल लोगों को इसका ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि कुनौली के बांध को मरम्मत कर दिया जाता है तो ये इलाक़ा बाढ़ के कोप से बच सकता है.

