रांची: सेक्स स्कैंडल में फंसे पूर्व मंत्री सत्यानन्द झा बाटुल को फिर टिकट मिलने से नाराज प्रदेश प्रवक्ता प्रवीण प्रभाकर आज भाजपा छोड़ सकते हैं. इससे संथालपरगना में भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है.
प्रभाकर को प्रवक्ता के रूप में प्रदेश में तथा संथालपरगना की राजनीति में भाजपा का बड़ा चेहरा माना जाता है. उनके धुर विरोधी भी उनके स्वभाव के मुरीद रहते हैं. झारखंड आंदोलन में उनकी अग्रणी भूमिका रही है. आजसू को जन्म देने से लेकर आज की ऊंचाई तक पहुंचाने में उनका योगदान अहम रहा है. 2014 में वह भाजपा से जुड़ गए थे.
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प्रभाकर के करीबी सूत्रों के अनुसार प्रभाकर नाला विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रखी थी, लेकिन पार्टी ने पूर्व मंत्री सत्यानंद झा बाटुल को फिर से नाला का टिकट दे दिया. इससे प्रभाकर नाराज चल रहे थे. इस बात की राजनीतिक हलकों में भी आश्चर्यमिश्रित चर्चा थी, क्योंकि सेक्स स्कैंडल में फंसे पूर्व मंत्री बाटुल झा के खिलाफ पारा टीचर सोनी देवी ने झारखंड हाई कोर्ट में मामला दायर कर रखा है. सोनी देवी ने पूर्व मंत्री पर आरोप लगाया है कि उन दोनों के बीच रिश्ता कायम होने के बाद उन्हें एक संतान हुई, लेकिन बाटुल झा इसे मानने से इंकार कर रहे हैं.
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सोनी देवी ने दावा किया है कि पूर्व मंत्री बाटुल झा ही उनके पुत्र विशाल के जैविक पिता हैं. याचिका में सोनी देवी, उनके पूर्व पति भूपेंद्र चौधरी, पुत्र विशाल झा और पूर्व मंत्री बाटुल झा का DNA टेस्ट करवाने की मांग की गई है, ताकि उनके दावे की सच्चाई सिद्ध हो सके. मामले की सुनवाई न्यायाधीश राजेश शंकर की कोर्ट में हो रही है. बाटुल झा जब मंत्री थे तभी यह मामला सुर्खियों में उछला था.